छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए जंगल से नक्सलियों के दो डंप का पता लगाकर नौ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद किए हैं। धमतरी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मणिशंकर चंद्रा ने रविवार को इस अभियान की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जिला बल रिजर्व गार्ड (DRG) और छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (CAF) की संयुक्त टीम ने खल्लारी थाना क्षेत्र के चमेंदा और सलेभट गांवों के जंगल में यह कार्रवाई शनिवार को की। अभियान की शुरुआत नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना के बाद की गई थी।

सर्च ऑपरेशन के दौरान टीम को दो अलग-अलग स्थानों पर छिपाकर रखे गए दो प्लास्टिक ड्रम मिले, जिनमें से तीन कुकर बम, तीन मिल्क पाउडर बॉक्स में रखे IED, दो पाइप बम, एक टिफिन बम (प्रत्येक 2 से 5 किलो वजन के), एक वॉकी-टॉकी, दवाइयां, बर्तन, राशन और अन्य रोजमर्रा की सामग्री बरामद हुई।
नक्सली अक्सर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए जंगलों में सड़कों और पगडंडियों पर IED लगाते हैं।
इस बीच, महसमुंद जिले के खल्लारी थाना क्षेत्र के सलेभट जंगल में भी बड़ी मात्रा में नक्सलियों का विस्फोटक सामान बरामद किया गया है। शनिवार को बीजापुर जिले में दो अलग-अलग IED धमाकों में दो सुरक्षाकर्मी मामूली रूप से घायल हुए। दोनों जवानों की स्थिति स्थिर है और वे जल्द ही ड्यूटी पर लौटने की उम्मीद है।
उधर, बीजापुर जिले के कोरगट्टा पहाड़ियों और घने जंगलों में चल रहे अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी ऑपरेशन में लगभग 10,000 सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। इस ऑपरेशन का उद्देश्य शीर्ष नक्सली कमांडरों, जैसे हिडमा, दामोदर और देवा को घेरना है।
अब तक इस अभियान में तीन नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, क्षेत्र की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबल लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और आने वाले दिनों में और बड़ी सफलता की उम्मीद है।
बीजेपी सरकार के गठन के बाद से राज्य में अब तक 365 नक्सली मारे जा चुके हैं, 1382 को गिरफ्तार किया गया है और 2306 नक्सली मुख्यधारा में लौट चुके हैं। वर्ष 2025 में अब तक 144 नक्सली ढेर किए गए हैं, 367 गिरफ्तार और 476 ने आत्मसमर्पण किया है।
