पशु मेला, उन्नत नस्ल के पशुओं से दूध उत्पादन में वृद्धि पर हुआ मंथन

प्रदेश में पशुपालन की संभावनाओं को बढ़ाने की क्यों जरूरत है इस संबंध में तथ्यों के माध्यम से जिला स्तरीय पशु मेले में जानकारी दी गई। इसका आयोजन पीएचई मंत्री गुरु रूद्र कुमार की अध्यक्षता में खपरी कुम्हारी में हुआ। आयोजन में पशुपालन कर रहे प्रगतिशील किसानों ने एवं पशुपालन के क्षेत्र से जुड़े हुए विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि किस प्रकार से अभी दुग्ध उत्पादन में प्रदेश में कमी है और इसे किस प्रकार से उन्नत नस्ल के पशुओं के पालन द्वारा तथा नस्ल संवर्धन द्वारा बढ़ाया जा सकता है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पशु मेले में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि अभी छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति 300 मिलीलीटर दूध आवश्यक है, लेकिन हमारे यहां अभी 140 मिलीलीटर दूध का ही उत्पादन हो रहा है। यह बड़ा अंतर है और इस अंतर को दूर करने के लिए हमें उत्तम नस्ल के पशु पालन की ओर बढ़ना होगा। पशुपालन विभाग की योजनाओं का लाभ उठाना होगा। पशुओं का नस्ल संवर्धन कराना होगा। प्रगतिशील कृषकों ने सब्सिडी के माध्यम से पशु लिए और आज वे बड़ी डेयरी का संचालन कर रही है। विशेषज्ञों ने बताया कि इसी तरह अंडे के उत्पादन में भी यहां काफी गुंजाइश है। देश भर में यह नारा दिया जाता है कि संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे, इस तरह से अगर रोज अंडे खाएंगे तो 365 अंडों की जरूरत होती है लेकिन जो देशी मुर्गी है वह 50 अंडे देती है फॉर्म की मुर्गी 300 के आसपास अंडे देती है तो इस प्रकार से एक बड़ा अंतर है और यहां पर भी उन्नत नस्ल के मुर्गियों के पालन से बड़ी संभावना बनेगी। यहां पर पशु मेला में जो पशु लाए गए हैं वह आस-पास के ही किसानों के पशु हैं उन्होंने दिखाया है कि किस प्रकार से पशुओं के नस्ल संवर्धन के माध्यम से उन्होंने अपनी खेती की तकदीर बदली। पशुपालन की और यह खेती के लिए सहारा बना और उनकी आय दोगुनी करने का भी सहारा बना।

इस मौके पर पीएचई मंत्री एवं अहिवारा विधायक गुरु रूद्र कुमार ने कहा कि मैंने अभी जिला स्तरीय पशु मेला में बहुत उन्नत किस्म के नस्ल के पशु देखें, बहुत खुशी की बात है कि इनका पालन गांव के ही प्रगतिशील किसानों द्वारा किया जा रहा है गिर प्रजाति के, साहिवाल प्रजाति के इन पशुओं को देखकर लगता है कि नस्ल में सुधार के पश्चात पशुपालन के लिए बड़ी संभावनाएं किसानों के लिए है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में चल रही सरकार ने नरवा, गरवा, घुरवा बारी योजना लागू की है इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा गरुआ को लेकर है इसके अंतर्गत हम नस्ल संवर्धन के कार्यक्रम कर रहे हैं। यह कार्यक्रम जितनी तेजी से किए जाएंगे, उतनी ही तेजी से प्रदेश में पशुपालन से आय की बेहतर संभावनाएं बनेंगी। इस मौके पर मंत्री ने ग्राम खपरी में 5 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक भवन की घोषणा की। साथ ही उन्होंने ग्राम खपरी में सभी घरों में नल जल के लिए पाइप लाइन के विस्तार की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि सभी बीपीएल परिवारों को निशुल्क नल कनेक्शन दिया जाएगा। शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है इसके लिए हितग्राहियों का चिन्हांकन करने भी उन्होंने कहा। कार्यक्रम के अंत में सबसे बेहतर नस्ल के पशुओं का पालन करने वाले प्रगतिशील किसानों को मंत्री ने सम्मानित किया। इस मौके पर पशुधन विकास विभाग के उपसंचालक डॉ एम.के. चावला सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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