छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मामले में की गई।
सीबीआई की छापेमारी पर कांग्रेस का विरोध
भूपेश बघेल के कार्यालय ने X (ट्विटर) पर जानकारी दी कि छापेमारी उनके दिल्ली दौरे से पहले हुई, जहां उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की ड्राफ्टिंग कमेटी की बैठक में शामिल होना था।

कांग्रेस के राज्य संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि “कांग्रेस और उसके नेता डरने वाले नहीं हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा, बघेल की पंजाब में नई जिम्मेदारी से घबराई हुई है और केंद्र सरकार विरोधियों को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
ईडी की कार्रवाई और संपत्तियों की जब्ती
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब तक ₹2,295 करोड़ की संपत्तियों को जब्त, संलग्न और फ्रीज कर चुका है।
इसके अलावा, 10 मार्च को ईडी ने दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के आवास भी शामिल थे। यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले से जुड़ी थी।
भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया
ईडी की कार्रवाई के बाद बघेल ने X पर लिखा कि उनके घर से ₹33 लाख नकद मिले। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कृषि, डेयरी और पारिवारिक बचत से अर्जित राशि है।
ईडी ने पहले दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से ₹2,100 करोड़ का लाभ उठाया गया, जिससे राज्य सरकार को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ।
कांग्रेस का आरोप: “भाजपा का दमनकारी राजनीति”
कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह चुनावी हार के डर से केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
भूपेश बघेल के खिलाफ लगातार ईडी और सीबीआई की छापेमारी को कांग्रेस ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया और कहा कि जनता भाजपा की इस रणनीति को समझती है।
