छत्तीसगढ़ सरकार की नई नीति: सरेंडर करने वाले माओवादियों को नौकरी, वित्तीय सहायता और कानूनी संरक्षण

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘नक्सल समर्पण और पीड़ित पुनर्वास नीति-2025’ की घोषणा की है, जिसके तहत माओवादियों के समर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की सुविधाएं और प्रोत्साहन दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साई की सरकार द्वारा लाई गई इस नीति के तहत समर्पण करने वाले माओवादियों को समग्र देखभाल (Holistic Care), सरकारी नौकरी, वित्तीय सहायता और कानूनी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही माओवादी “फुट सोल्जर्स” (छोटे स्तर के नक्सली) के लिए भी इनाम रखा गया है।

नक्सलियों के परिजनों को भी मिलेगा इनाम

सरकार ने माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने वालों को भी प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। अगर कोई व्यक्ति अपने नक्सली रिश्तेदार को सरेंडर करने के लिए राजी करता है, तो उसे 50,000 रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।

इसके अलावा, नक्सलियों के समर्पण में मदद करने वाले सुरक्षा बलों को भी सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।

बढ़ते अभियान के बीच नई नीति

सरकार की यह नीति ऐसे समय में आई है जब राज्य में नक्सल विरोधी अभियान तेज हो गया है। इस सप्ताह दो अलग-अलग मुठभेड़ों में 30 माओवादी मारे गए, जिससे सरकार का कड़ा रुख साफ नजर आ रहा है।

इस नई नीति से सरकार को उम्मीद है कि अधिक से अधिक माओवादी मुख्यधारा में लौटेंगे और राज्य में शांति बहाल करने में मदद मिलेगी।

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