रायपुर: छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों के संरचित दोहन से राज्य के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य का खनिज राजस्व राज्य गठन के बाद से 30 गुना बढ़कर 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले 11 महीनों में ही 11,581 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है।
खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी से आर्थिक प्रगति
अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की सफल ई-नीलामी की जा चुकी है। इनमें भारत का पहला लिथियम ब्लॉक भी शामिल है, जिसे अन्य खनिजों के साथ नीलाम किया गया। अब तक नीलाम किए गए खनिज ब्लॉकों में शामिल हैं:

- 14 चूना पत्थर (लाइमस्टोन)
- 9 लौह अयस्क (आयरन ओर)
- 11 बॉक्साइट
- 3 सोना (गोल्ड)
- 2 निकल-क्रोमियम
- 2 ग्रेफाइट
- 2 ग्लॉकोनाइट
क्रिटिकल मिनरल्स पर विशेष ध्यान
भारत सरकार ने जनवरी 2025 में “नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन” लॉन्च किया, जिसके तहत छत्तीसगढ़ ने 56 में से 31 चल रही परियोजनाओं को क्रिटिकल और गहरे स्तर के खनिजों के लिए प्राथमिकता दी है। अब तक 10 ब्लॉक नीलाम किए जा चुके हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 1 लिथियम
- 3 सोना
- 2 निकल-क्रोमियम
- 2 ग्रेफाइट
- 2 ग्लॉकोनाइट
राज्य ने भारत के पहले लिथियम ब्लॉक की नीलामी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोरबा जिले के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को साउथ मैकी माइनिंग कंपनी को 76% प्रीमियम पर आवंटित किया गया। इसके अलावा, सुकमा और कोरबा जिलों में लिथियम के और भंडार मिलने की संभावना जताई जा रही है।
बैलाडीला और अन्य खनिज क्षेत्रों का विकास
छत्तीसगढ़ भारत के खनन क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, जिसमें बैलाडीला क्षेत्र देश के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है।
राज्य सरकार तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी कर रही है, जो मार्च 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है। साथ ही, कांकेर जिले के हाहालड्डी लौह अयस्क ब्लॉक की नीलामी अंतिम चरण में है।
अवैध खनन पर सख्त निगरानी
राज्य सरकार सैटेलाइट इमेजरी और उन्नत निगरानी प्रणालियों का उपयोग कर अवैध खनन पर नियंत्रण कर रही है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए खनन गतिविधियों को वैज्ञानिक तरीके से संचालित करने पर जोर दिया जा रहा है। राज्य ने एक ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली भी शुरू की है, जो पट्टाधारकों को बेहतर खनन प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
खनिज राजस्व से सामाजिक विकास
सरकार का कहना है कि खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक विकास में पुनर्निवेश किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला खनिज निधि ट्रस्ट (DMFT) को 1,673 करोड़ रुपये मिले, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, पेयजल और कौशल विकास से जुड़े 9,362 प्रोजेक्ट संचालित किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाली जनता के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
छत्तीसगढ़: खनिज संपदा का केंद्र
छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य है, जहां कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, सोना, निकल, क्रोमियम, प्लेटिनम समूह के तत्वों सहित 28 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।
