नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित वानुअतु सरकार ने उनका पासपोर्ट रद्द करने का निर्देश दिया है। वानुअतु के प्रधानमंत्री जॉथम नापाट ने नागरिकता आयोग को आदेश दिया कि मोदी को जारी पासपोर्ट को तत्काल निरस्त किया जाए।
वानुअतु छोड़ सकते हैं ललित मोदी
वानुअतु की सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “हाल ही में सामने आई अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के बाद हमने ललित मोदी की नागरिकता रद्द करने का फैसला किया है।”

- इंटरपोल ने भारत सरकार की रेड नोटिस जारी करने की दो बार की गई कोशिशों को खारिज किया क्योंकि कोई ठोस न्यायिक प्रमाण नहीं मिला।
- वानुअतु सरकार के अनुसार, मोदी की नागरिकता प्रदान करने से पहले सभी पृष्ठभूमि जांच, इंटरपोल स्क्रीनिंग सहित, पूरी कर ली गई थी।
- अब यदि भारत उनका पासपोर्ट रद्द कर देता है, तो वे यूके में अवैध प्रवासी बन सकते हैं, क्योंकि वानुअतु भी उनकी नागरिकता समाप्त कर रहा है।
ललित मोदी ने क्या कहा?
वानुअतु सरकार के फैसले के बाद ललित मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर अपनी तस्वीरें साझा कीं और लिखा, “वानुअतु एक खूबसूरत देश है। इसे अपनी बकेट लिस्ट में जरूर डालें। यह प्रदूषण और शोर से दूर, स्वर्ग जैसा स्थान है।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत में मेरे खिलाफ किसी भी अदालत में कोई मामला लंबित नहीं है। यह सब मीडिया द्वारा गढ़ी गई कहानी है। 15 साल हो गए, लेकिन वे अभी भी मुझे निशाना बना रहे हैं। पहले किसी अदालत में औपचारिक आरोप दर्ज करें, फिर कुछ कहें।”
क्या हैं ललित मोदी पर आरोप?
ललित मोदी पर बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) के उपाध्यक्ष रहते हुए कई गंभीर आरोप लगे हैं। इनमें शामिल हैं:
- बोली में हेरफेर (Bid-rigging)
- मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering)
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के उल्लंघन
वह 2010 में भारत से लंदन चले गए थे और तभी से विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं की जांच के दायरे में हैं।
क्या आगे हो सकता है?
यदि ललित मोदी का भारतीय पासपोर्ट आधिकारिक रूप से रद्द हो जाता है, तो वे यूके में अवैध प्रवासी हो सकते हैं।
- इस स्थिति में, उन्हें किसी अन्य देश की नागरिकता लेने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
- भारत सरकार उन पर कानूनी दबाव बनाने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर सकती है।
वानुअतु सरकार के फैसले से ललित मोदी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियां बढ़ सकती हैं और उनके प्रत्यर्पण की संभावनाएं मजबूत हो सकती हैं।

