रायपुर: जहां एक ओर आजकल AI-पावर्ड चैटबॉट्स और डिजिटल टूल्स का व्यापक उपयोग हो रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने एक अलग ही मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने पहले बजट को अपने हाथों से हिंदी में लिखा, जो लगभग 100 पन्नों का दस्तावेज है।
पूर्व आईएएस अधिकारी रहे चौधरी ने राजनीति को जनसेवा का बड़ा माध्यम मानते हुए प्रशासनिक सेवा छोड़ दी थी। बजट पेश करने से पहले उन्होंने दिन-रात मेहनत की और मात्र कुछ घंटे की नींद लेकर इस ऐतिहासिक दस्तावेज को तैयार किया।

बजट लेखन में दिखी व्यक्तिगत भावना और जुड़ाव
आमतौर पर बजट दस्तावेज विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार किए जाते हैं और कंप्यूटर पर टाइप होते हैं। लेकिन चौधरी ने इसे अपने हाथों से लिखकर एक अलग पहचान दी। इस बारे में उन्होंने कहा,
“जब मैं अपना बजट भाषण लिख रहा था, तो मुझे महसूस हुआ कि एक हस्तलिखित दस्तावेज मेरी भावनाओं, मेरे दृष्टिकोण, मेरी प्रतिबद्धता और मेरे लगाव को बेहतर तरीके से व्यक्त करता है। इसलिए मैंने सोचा कि मुझे इसे अपने हाथों से ही लिखना चाहिए।”
क्या यह पहल सरकारी दस्तावेजों में नया ट्रेंड सेट करेगी?
ओपी चौधरी की यह पहल वित्तीय योजनाओं में वैयक्तिकरण (Personalization) और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है। क्या भविष्य में अन्य राज्य सरकारें भी इसी तरह के अनोखे तरीकों को अपनाएंगी? यह देखने वाली बात होगी। लेकिन इतना तय है कि छत्तीसगढ़ का यह बजट सिर्फ आंकड़ों का संकलन नहीं, बल्कि एक मंत्री की मेहनत और राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का जीवंत दस्तावेज है।
