चेन्नई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (7 मार्च 2025) को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) परीक्षा में मातृभाषा के उपयोग को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब तक इन परीक्षाओं में उम्मीदवारों को बंगाली, कन्नड़, तमिल जैसी भाषाओं में उत्तर लिखने की अनुमति नहीं थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद अब यह परीक्षा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में दी जा सकती है। इससे तमिलनाडु सहित सभी राज्यों के युवाओं को अपनी भाषा में परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
CISF दिवस पर गृह मंत्री का बड़ा ऐलान
गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु के रणिपेट जिले के थक्कोलम में स्थित ‘राजादित्य चोल रिक्रूट्स ट्रेनिंग सेंटर’ में आयोजित CISF दिवस समारोह में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, “अब तक CAPF परीक्षाओं में मातृभाषा की कोई जगह नहीं थी। लेकिन अब तमिलनाडु के युवा भी तमिल भाषा में परीक्षा दे सकते हैं।”

तमिल में मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा की मांग
इस दौरान, अमित शाह ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से अपील की कि वे राज्य में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई तमिल भाषा में शुरू करें। उन्होंने कहा, “भारत के कई राज्यों में पहले ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू हो चुकी है। लेकिन तमिलनाडु में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है। मैं पिछले दो वर्षों से यह अनुरोध कर रहा हूं, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। मुझे उम्मीद है कि आज मुख्यमंत्री इस पर जरूर कुछ करेंगे।”
क्या तमिलनाडु सरकार उठाएगी कदम?
गृह मंत्री के इस बयान के बाद यह सवाल उठता है कि क्या तमिलनाडु सरकार अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई तमिल में शुरू करेगी? क्या मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन इस मांग को स्वीकार करेंगे या इसे राजनीतिक मुद्दा मानकर टाल देंगे?
अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि तमिलनाडु सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है और राज्य के छात्रों को मातृभाषा में उच्च शिक्षा का अवसर कब तक मिलता है।
