भाजपा जिलाध्यक्षों के चयन के लिए दिल्ली से अनुमति अनिवार्य, 5 जनवरी को हो सकता है ऐलान

प्रदेश में भाजपा के जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने प्रक्रिया और कड़ी कर दी है। अब जिलाध्यक्षों के नाम पर अंतिम निर्णय दिल्ली से लिया जाएगा। प्रदेश स्तर पर हुई रायशुमारी के बाद तैयार पैनल को केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजा जाएगा, जहां से अनुमोदन के बाद नामों की घोषणा होगी।

चयन प्रक्रिया:

भाजपा नेतृत्व ने चयन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक फॉर्मेट तैयार किया है। इसके अनुसार:

  • प्रत्येक जिले से तीन दावेदारों का नाम भेजा जाएगा।
  • वर्तमान और पूर्व जिलाध्यक्ष का विवरण भी पैनल के साथ भेजना होगा।
  • दावेदारों की आयु, जाति, वर्ग, शिक्षा, संगठनात्मक अनुभव और अनुशासनात्मक रिकॉर्ड जैसे मापदंड शामिल किए गए हैं।

16 दिसंबर से शुरू हुए रायशुमारी के कार्य को पूरा कर लिया गया है। 1, 2 और 3 जनवरी को प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर पैनल तैयार किया जाएगा, जिसे दिल्ली भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि 5 जनवरी को जिलाध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।

केंद्रीय नेतृत्व का नियंत्रण:

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया है कि जिलाध्यक्षों का चयन पार्टी की नीतियों और नियमों के अनुसार हो। संगठन में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस प्रक्रिया को लागू किया गया है।

संगठन के लिए महत्व:

यह प्रक्रिया संगठन के भीतर बेहतर नेतृत्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जा रही है। नए जिलाध्यक्षों को पार्टी के आगामी चुनावी अभियानों में बड़ी भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

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