कोरिया। वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशन में कोरिया वनमंडल के अंतर्गत नगर निगम चिरमिरी के रिहायशी इलाकों में घूम रही बाघिन को आज सफलतापूर्वक ट्रैंकुलाइज कर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। पिछले एक सप्ताह से यह बाघिन चिरमिरी क्षेत्र में देखी जा रही थी, जिसके कारण स्थानीय लोगों में भय का माहौल था।
सरगुजा से वन संरक्षक (वन्यप्राणी) श्री केआर बढ़ई की अगुवाई में रेस्क्यू टीम में कानन पेंडारी के डॉ. पीके चंदन, तमोर पिंगला एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर के डॉ. अजीत पांडेय और रायपुर के जंगल सफारी से डॉ. वर्मा शामिल थे। आज शाम 4 बजे बाघिन को हल्दीबाड़ी बघनच्चा दफाई के पास जंगल में ट्रैंकुलाइज कर ग्रीन नेट से ढंकते हुए पिंजरे में सुरक्षित बंद कर लिया गया। बाघिन को वन विभाग के ट्रक में लोड कर ले जाया गया, जिसे बाद में निर्देशानुसार किसी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा।
ग्रामीणों में भय और सतर्कता
पिछले सप्ताह से वनमंडल बैकुंठपुर के पूर्वी साजापहाड़ बीट में बाघिन के मूवमेंट के प्रमाण मिलने के बाद वन विभाग का अमला पूरी तरह अलर्ट था। क्षेत्र में बसे गांवों के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई थी और ग्रामीणों को जंगल में न जाने की हिदायत दी जा रही थी। इस दौरान बाघिन ने दो मवेशियों का शिकार भी किया।
वन विभाग की सजगता
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि ट्रैप कैमरा और प्रत्यक्ष रूप से बाघिन के विचरण की पुष्टि हुई थी। विभाग ने तत्काल कदम उठाते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने और सुरक्षा बनाए रखने की हिदायत दी। गश्ती दल ने 24 घंटे निगरानी बनाए रखी और आज सफलतापूर्वक बाघिन को रेस्क्यू किया गया।
अधिकारियों का योगदान
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेष टीमों की तत्परता ने अहम भूमिका निभाई। बाघिन को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचे थे। बाघिन के सुरक्षित रेस्क्यू से क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली।