छत्तीसगढ़ का गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही बना पर्यटन का नया आकर्षण केंद्र

छत्तीसगढ़ का गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही (जीपीएम) जिला अपनी प्राकृतिक धरोहरों और अद्भुत सौंदर्य के कारण तेजी से पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। यहां के घने साल के जंगल, प्राकृतिक झरने, आठ नदियां, पहाड़ और गुफाएं पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल
जिला प्रशासन ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं। स्थानीय पर्यटन समितियों का गठन किया गया है और उन्हें रात्रि भ्रमण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। स्थानीय युवाओं को ट्रैकिंग, हॉस्पिटैलिटी और अन्य गतिविधियों का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

नए पर्यटन केंद्र और सुविधाएं
पर्यटकों की सुविधा के लिए जिले में कैंटीन और बैरियर का निर्माण किया गया है। साथ ही, गगनई नेचर कैंप के विस्तृत जलाशय में नौकायन की सुविधा भी शुरू की गई है। यहां ट्रैकिंग, कैंपिंग और अन्य रोमांचक गतिविधियां कराई जा रही हैं, जो पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करती हैं।

पर्यटकों की बढ़ती रुचि
10 फरवरी 2020 को बिलासपुर से अलग होकर बनाए गए इस जिले ने कम समय में ही देश-विदेश के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया है। जीपीएम का प्राकृतिक सौंदर्य न केवल स्थानीय पर्यटकों को बल्कि विदेशी सैलानियों को भी अपनी ओर खींच रहा है।

असीम संभावनाएं
जीपीएम जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, जो यहां के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने और उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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