खानापुर, बेलगावी: गूगल मैप पर भरोसा करते हुए उज्जैन का एक परिवार पश्चिमी घाट के घने जंगलों में फंस गया। यह परिवार गोवा के पोर्वोरिम में एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहा था। गूगल मैप ने उन्हें 25 किमी की दूरी बचाने के लिए एक शॉर्टकट दिखाया, लेकिन बारिश के कारण यह रास्ता खतरनाक साबित हुआ।
उज्जैन निवासी राजदास रंजीतदास, जो परिवार के साथ कार चला रहे थे, भिंमगड वन्यजीव अभयारण्य के पास से गुजरते हुए सिंधनूर-हेम्मडगा स्टेट हाईवे पर पहुँच गए। यह रास्ता गूगल मैप के अनुसार सही लग रहा था, लेकिन बारिश के कारण सड़क कीचड़ से ढकी हुई थी। बुधवार रात करीब 10 बजे उनकी कार जमगाँव और कृष्णापुर गांव के बीच फंस गई।
रंजीतदास, उनकी पत्नी, दो बच्चे और मां के लिए यह अनुभव डरावना था। जंगल में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण वे किसी से संपर्क नहीं कर सके। वहीं, जंगली जानवरों की मौजूदगी ने उनकी चिंता और बढ़ा दी। परिवार ने पूरी रात कार में बिताई।
गुरुवार सुबह 6:20 बजे रंजीतदास ने 6 किमी पैदल चलकर मोबाइल नेटवर्क खोजा और पुलिस से संपर्क किया। पहले उन्होंने 100 नंबर पर कॉल किया, जहाँ से उन्हें 112 पर कॉल करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद मामला खानापुर पुलिस स्टेशन तक पहुंचा।
पुलिस निरीक्षक मंजूनाथ नायक ने रंजीतदास से उनकी लाइव लोकेशन साझा करने को कहा। इसके बाद सहायक सब-इंस्पेक्टर के आई बडिगेर, हेड कांस्टेबल जयराम हनुमनावर और कांस्टेबल मंजूनाथ मुसले ने मौके पर पहुँचकर परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला।
गुरुवार सुबह 7 बजे के बाद परिवार को जंगल से बाहर निकाला गया। उन्हें खानापुर लाकर प्राथमिक उपचार और नाश्ता उपलब्ध कराया गया। पुलिस ने उन्हें गोवा जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता अपनाने की सलाह दी।
यह घटना बताती है कि तकनीकी पर निर्भरता के साथ सतर्कता भी जरूरी है। पुलिस की तत्परता और साहसिक प्रयासों ने इस परिवार की जान बचाई।