मणिपुर में पिछले दिनों छह शव मिलने के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इन शवों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं, जिन्हें कथित रूप से जिरिबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा अपहरण कर हत्या की गई। घटना के बाद हिंसक प्रदर्शनों की लहर फैल गई, जिसके चलते प्रशासन ने इंफाल घाटी के कई जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है।
हिंसा का केंद्र
रविवार, 17 नवंबर की सुबह, इंफाल में सड़कों पर भारी मलबा और जलती हुई वस्तुएं देखी गईं। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को तीन राज्य मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला किया। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद और बीजेपी विधायक आर के इमो समेत अन्य राजनीतिक हस्तियों के घरों को भी निशाना बनाया गया।
शव मिलने की घटना
घटना की शुरुआत तब हुई जब जिरिबाम में एक राहत शिविर से तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए। बताया जा रहा है कि इन व्यक्तियों के लापता होने से पहले उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई थी। बाद में दो अलग-अलग स्थानों से उनके शव बरामद हुए। जिरी और बाराक नदियों के संगम के पास तीन शव मिले, जबकि बाकी के शव शनिवार को बरामद किए गए।
प्रदर्शन और सुरक्षा बलों की कार्रवाई
शव मिलने की खबर के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक नेताओं और जनप्रतिनिधियों के घरों को निशाना बनाया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। वहीं, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए सेना और असम राइफल्स की तैनाती की गई है।
सरकार की प्रतिक्रिया
स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने इंफाल घाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है और अफवाहों व हिंसा को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
मणिपुर में मौजूदा तनावपूर्ण हालातों ने राज्य के कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल शांति बहाल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी बेहद संवेदनशील बनी हुई है।