झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात लगी आग में 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। इन बच्चों को जलने से गंभीर चोटें आई थीं। शनिवार सुबह इन बच्चों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई।
घटना का विवरण
आग शुक्रवार रात करीब 10:20 बजे लगी। अस्पताल प्रशासन को तुरंत सूचित किया गया और बचाव कार्य शुरू किया गया। खिड़कियों के शीशे तोड़कर बच्चों को एनआईसीयू से बाहर निकाला गया। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एन.एस. सेंगर ने बताया कि एनआईसीयू में भर्ती 49 नवजातों की पहचान कर ली गई है। जो 39 नवजात आग की चपेट में नहीं आए, उनकी हालत स्थिर है और उन्हें दूसरे वार्डों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि घटना की जांच तीन स्तरों पर की जाएगी – स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा। साथ ही मजिस्ट्रेट जांच भी होगी। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सुरक्षा के प्रबंध और नई एनआईसीयू वार्ड की जानकारी
डॉ. सेंगर ने बताया कि एनआईसीयू में सभी अग्निशामक यंत्र काम कर रहे थे और उनका उपयोग आग बुझाने में किया गया। जून में आग से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी। हालांकि, घटना के दौरान एक नर्स, मेघना, घायल हो गईं, जिनका इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है।
एक नई 51-बेड एनआईसीयू वार्ड का निर्माण लगभग एक दशक पहले शुरू हुआ था। यह नई वार्ड आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसे एक महीने के भीतर शुरू करने की योजना थी।