रायपुर। छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस पर राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का अनोखा अंदाज देखने को मिला। आदिवासी पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ नृत्य कर रहे लोक कलाकारों को देखकर मुख्यमंत्री खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने ढोलक गले में डालकर बजाना शुरू किया और कलाकारों के साथ नृत्य भी किया। मुख्यमंत्री के इस नए अंदाज ने कलाकारों और दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, जो खुद आदिवासी समाज से आते हैं, छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति से गहरा लगाव रखते हैं। ढोलक की धुन पर उनका नृत्य और संगीत में भागीदारी देखकर वहां उपस्थित लोगों ने उनकी खूब सराहना की। राज्यपाल रामेन ढेका भी इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में मौजूद थे और मुख्यमंत्री की छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता को देखकर प्रसन्न हुए।
राज्योत्सव के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। दूसरे दिन राज्यपाल ने भी शिरकत की। राज्योत्सव के अंतिम दिन, 6 नवंबर को राज्य अलंकरण पुरस्कार दिए जाएंगे, जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वाजपेयी जी ने छोटे राज्यों की कल्पना करके विकास का सपना देखा था, और उनकी प्रेरणा से छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ।