सोमवार को भारतीय वायुसेना का मिग-29 लड़ाकू विमान आगरा के पास एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायुसेना के बयान के अनुसार, विमान में तकनीकी खराबी आने के बाद पायलट ने विमान को आबादी वाले क्षेत्र से दूर ले जाकर सुरक्षित रूप से बाहर निकलने का प्रयास किया। हादसे में जमीन पर किसी भी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है।
इससे पहले, 2 सितंबर को राजस्थान के बाड़मेर में भी एक मिग-29 लड़ाकू विमान रात्रि प्रशिक्षण मिशन के दौरान तकनीकी खराबी का शिकार होकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। पायलट सुरक्षित बच निकला था और किसी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। बाड़मेर के एसपी नरेंद्र मीना ने बताया कि विमान आबादी वाले क्षेत्र से दूर गिरा और दुर्घटना के बाद उसमें आग लग गई थी।
4 जून को भी महाराष्ट्र के नासिक जिले के शिरसगांव के पास भारतीय वायुसेना का एक सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उस समय भी पायलट और सह-पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे थे। दुर्घटना के बाद विमान में आग लग गई थी, जिसे बुझा दिया गया और विमान के कुछ हिस्से 500 मीटर के दायरे में बिखर गए थे। भारतीय वायुसेना और एचएएल के सुरक्षा और तकनीकी दलों ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी।