पैरालंपिक खेलों का आयोजन विकलांग खिलाड़ियों के लिए किया जाता है, जिसमें विश्वभर के खिलाड़ी अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह प्रतियोगिता केवल शारीरिक रूप से विकलांग खिलाड़ियों के लिए होती है, और इसमें भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को कुछ खास मानदंडों को पूरा करना होता है। आइए जानते हैं कि पैरालंपिक में खिलाड़ियों के चयन के लिए क्या-क्या मानदंड होते हैं:
1. विकलांगता की श्रेणियां (Disability Categories):
पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की विकलांगता को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। ये श्रेणियां इस प्रकार हैं:
- शारीरिक विकलांगता: इसमें मांसपेशियों की कमजोरी, जोड़ो की कठोरता, अंगों की कमी, और रीढ़ की हड्डी में चोट जैसी विकलांगताएं शामिल हैं।
- दृष्टिबाधित: इसमें आंशिक या पूर्ण दृष्टिहीनता वाले खिलाड़ी शामिल होते हैं।
- बौद्धिक विकलांगता: इसमें मानसिक विकास में बाधा से पीड़ित खिलाड़ी आते हैं।
2. क्लासिफिकेशन सिस्टम (Classification System):
खिलाड़ियों की विकलांगता के आधार पर उन्हें विभिन्न वर्गों (क्लासेज़) में बांटा जाता है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि सभी खिलाड़ी समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। उदाहरण के लिए, एक खिलाड़ी जो अपने पैरों का उपयोग नहीं कर सकता, उसे अलग वर्ग में रखा जाएगा और वह उसी वर्ग के खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा।
3. क्लासिफिकेशन टेस्टिंग (Classification Testing):
खिलाड़ियों को खेल में भाग लेने से पहले एक चिकित्सा और शारीरिक परीक्षण से गुजरना पड़ता है। इस परीक्षण में यह सुनिश्चित किया जाता है कि खिलाड़ी जिस वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रहा है, वह उसकी वास्तविक क्षमता और विकलांगता के अनुरूप है।
4. योग्यता मानदंड (Qualification Criteria):
पैरालंपिक में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त खेल प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन करना पड़ता है। खिलाड़ियों को निर्धारित न्यूनतम प्रदर्शन स्तर (Minimum Qualification Standards – MQS) को पूरा करना होता है, जो विभिन्न खेलों के लिए अलग-अलग होता है।
5. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग (National and International Ranking):
खिलाड़ी की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग भी पैरालंपिक में उसकी भागीदारी के लिए महत्वपूर्ण होती है। रैंकिंग के आधार पर यह तय किया जाता है कि कौन-कौन से खिलाड़ी अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
6. नैतिक और आचार संहिता (Ethics and Code of Conduct):
खिलाड़ियों को खेल के दौरान और बाहर नैतिक और आचार संहिता का पालन करना आवश्यक होता है। किसी भी तरह की अनुचित गतिविधि, जैसे कि डोपिंग, पर सख्त कार्रवाई की जाती है, और खिलाड़ी को प्रतियोगिता से बाहर भी किया जा सकता है।
7. प्रशिक्षण और फिटनेस (Training and Fitness):
खिलाड़ियों को नियमित रूप से प्रशिक्षण लेना होता है और अपनी फिटनेस को उच्च स्तर पर बनाए रखना होता है। अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है।
निष्कर्ष
पैरालंपिक में खिलाड़ियों का चयन एक जटिल और समग्र प्रक्रिया है, जो न केवल उनकी शारीरिक क्षमता पर बल्कि उनके प्रदर्शन, नैतिकता, और विकलांगता की प्रकृति पर भी निर्भर करती है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक खिलाड़ी को उसके उचित वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिले और खेलों का संचालन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।