छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। ताजा मामलों में दंतेवाड़ा जिला अस्पताल और राजधानी रायपुर में अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है।
दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में बीएमओ डॉ. वेणुगोपाल राव को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। डॉ. राव प्रार्थी सुनील कुमार नाग से चिरायु में लगी वाहन का लंबित भुगतान कराने के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। सुनील कुमार नाग ने एसीबी के जगदलपुर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद एसीबी ने यह कार्रवाई की। बीएमओ डॉ. वेणुगोपाल राव को रंगे हाथों पकड़ने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
राजधानी रायपुर में भी एसीबी की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के बाबू सूरज नाग को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। सूरज नाग नवा रायपुर स्थित संचनालय में पदस्थ है और गरियाबंद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत नर्स नेमिका तिवारी से 2 साल की एजुकेशन लीव सेटलमेंट के लिए पैसे मांग रहा था। एसीबी ने सूरज नाग को रंगे हाथों गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ में एसीबी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। 11 जुलाई को नारायणपुर के एसडीएम कार्यालय में भी एसीबी की टीम ने एक बाबू संकेर कुमेटी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। संकेर कुमेटी, जो कि कलेक्ट्रेट के एसडीएम शाखा में सहायक ग्रेड 2 के पद पर कार्यरत है, ने जमीन विवाद के मामले में लवदेव देवांगन से नामांतरण के बदले 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। एसीबी की टीम ने उसे 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी की इन ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है और प्रशासनिक तंत्र में स्वच्छता लाने की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एसीबी की इन कार्रवाइयों की सराहना की है और कहा है कि राज्य में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की मुहिम लगातार जारी रहेगी, ताकि प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे।