2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हों, व्हाइट हाउस में देसी प्रतिनिधित्व निश्चित है। आम धारणा यह है कि डेमोक्रेट्स जो बिडेन-कमला हैरिस के साथ ही चुनाव लड़ेंगे, जबकि रिपब्लिकन पार्टी (GOP) ने डोनाल्ड ट्रम्प और जे.डी. वांस को चुना है। ट्रम्प का जे.डी. वांस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का निर्णय उनकी पत्नी उषा चिलुकुरी वांस को भी प्रमुखता में ले आया है।
उषा वांस के माता-पिता आंध्र प्रदेश, भारत से हैं। उषा, जो कि सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में पली-बढ़ी हैं, तेलुगु में धाराप्रवाह हैं। संयोगवश, अमेरिका की 2023 की पसंदीदा फिल्म “आरआरआर” तेलुगु भाषा की फिल्म है, जिसे एस.एस. राजामौली ने बनाया है और जिसने सर्वश्रेष्ठ मूल स्कोर (नाटू नाटू) के लिए अकादमी पुरस्कार जीता है।
उषा चिलुकुरी वांस के हिंदू धर्म ने जे.डी. वांस की आध्यात्मिक यात्रा और व्यक्तिगत विकास पर गहरा प्रभाव डाला है। उनकी कहानी येल विश्वविद्यालय से शुरू होती है, जहां जे.डी., जो अपने धार्मिक विश्वासों से दूर हो गए थे, उषा से मिले। उस समय, जे.डी. खुद को नास्तिक मानते थे और अपने ईसाई पालन-पोषण से दूर हो गए थे। हालांकि, उषा के साथ उनकी मुलाकात ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन की शुरुआत की।
एक भक्त हिंदू परिवार में पली-बढ़ी उषा ने अपने साथ गहरी आध्यात्मिकता और धार्मिक मूल्यों की भावना लाई। उनके पृष्ठभूमि ने उनमें विश्वास की शक्ति में एक मजबूत विश्वास स्थापित किया, जिसे वह अपने जीवन में एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में देखती थीं। यह दृष्टिकोण जे.डी. के आध्यात्मिक पुनः खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में देसी प्रतिनिधित्व की संभावना ने इसे भारतीय समुदाय के लिए और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। उषा चिलुकुरी वांस और कमला हैरिस की पृष्ठभूमि इस चुनाव को और भी दिलचस्प बना रही है। यह देखना बाकी है कि उषा वांस के हिंदू धर्म और आध्यात्मिकता का प्रभाव आगामी चुनाव पर कैसे पड़ता है और किस प्रकार से यह अमेरिका की राजनीति में नई दिशा तय करता है।