छत्तीसगढ़ में नारायणपुर नक्सल मुठभेड़: घायल जवानों का अदम्य साहस और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को भारी सफलता। लगातार नक्सलियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में एक और महत्वपूर्ण मुठभेड़ में एसटीएफ के जवान कैलाश नेताम घायल हुए। अस्पताल में भर्ती नेताम ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के दौरान अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कहा, “ठीक होते ही और नक्सलियों को मारूंगा।” उनकी इस बुलंद आवाज ने कारगिल युद्ध के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा की याद दिला दी, जिन्होंने युद्ध के दौरान कहा था, ‘ये दिल मांगे मोर’।

रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा राजधानी रायपुर के एक अस्पताल में घायल जवानों से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने घायल जवानों का हालचाल जाना और उनके अदम्य साहस की सराहना की। मुख्यमंत्री साय ने गर्व से कहा, “मां भारती के इन वीर जवानों से हमें हौसला मिलता है। घायल होकर भी यह जज्बा भारत के बलिदानी वीरों की परंपरा है, जिन्होंने कभी देश को झुकने नहीं दिया।”

इस मुठभेड़ में घायल एक अन्य एसटीएफ जवान लेखराम नेताम ऑपरेशन थियेटर में होने के कारण मुख्यमंत्री उनसे मुलाकात नहीं कर पाए, लेकिन डॉक्टरों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बीते दिनों बीजापुर में नक्सली हमले में घायल डीआरजी के जवान लच्छु कढ़ती से भी मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।

मुख्यमंत्री ने जवानों की हौसला अफजाई करते हुए उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए। इस मौके पर विधायक मोतीलाल साहू और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा भी उपस्थित थे।

यह घटना न केवल जवानों की बहादुरी का प्रतीक है, बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और जवानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। इस तरह की घटनाएं नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सुरक्षा बलों के मनोबल को और ऊंचा करती हैं और समाज में देशभक्ति की भावना को मजबूती प्रदान करती हैं।

You cannot copy content of this page