गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि सामाजिक समरसता हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है। सामाजिक समरसता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। आज के इस परिवेश में विदेशी संस्कृति सभ्यता धीरे-धीरे हमारी मूल संस्कृति और सभ्यता को नष्ट कर रही है। हम सब की जवाबदारी और जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर अपनी विरासत संस्कृति को बचाने का काम करें। आज के समय मे सब पढ़े-लिखे और शिक्षित है। इसके बाद भी अपनी विरासत और संस्कृति के प्रति सचेत नहीं है। कई सौ साल पहले जब हमारे पूर्वजों ने गांव बसाया तो सभी जाति के लोग एक साथ एक ही गांव में मिलजुल कर रहने लगे। भाईचारा के साथ एक दूसरे के दुख-सुख में काम आते थे। यही बात हमें दूसरों से अलग पहचान बनाती है और यही सामाजिक समरसता की सबसे बड़ी पहचान और विशेषता है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू आज रविवार को ग्राम जजंगिरी में आयोजित लोकोत्सव, दिवाली मिलन, सामाजिक समरसता एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें राजनीतिक जीवन में पहली बार इतनी खुशी हो रही है कि अपने क्षेत्र में काम करने सेवा करने का अवसर मिला है। क्षेत्रीय विधायक होने के नाते विकास की जो भी जरूरत होगी उसे पूरा करने समर्पित रहूंगा। मंत्री साहू ने आव्हान किया कि गांव के लोग मिलजुल कर आपसी भाईचारा से रहे। सामाजिक समरसता को बनाये रखे। इस अवसर पर उन्होंने गांव के सेवानिवृत कर्मचारियों, सेना एवं पुलिस में सेवा देने वाले जवानों, शिक्षकों, पंचायत कर्मचारियों, पंचायत प्रतिनिधियों सहित गांव के विकास में योगदान देने वाले लोगों को सम्मनित किया।