बैंक से फायनेंस वाहन को बेचकर उसकी बकाया किश्तों को अदा करने से मुकरने वाले वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस द्वारा धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी सौदे के अनुसार वाहन की पूरी कीमत वसूल ली थी, लेकिन बैंक की बकाया किश्तों का भुगतान नहीं किया गया। जिसके चलते वाहन को बैंक द्वारा अपने कब्जे में ले लिया था।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है। सुभाष नगर निवासी मोहम्मद फिरोज राठौर (45 वर्ष) द्वारा उरला निवासी देवेन्दर पाल सिंह लूथरा (33 वर्ष) से वाहन खरीदने का सौदा किया था। सौदे के अनुसार फार्चेनर टियोटा क्र. सी.जी.07-बीएस-7786 का 29 लाख रु. में खरीदी गई थी। इस रकम का भुगतान देवेन्द्र पाल लूथरा को नगद कर दिया गया था। साथ ही देवेंद्र के कहे अनुसार 2 लाख 90 हजार रु. काईजन टोयोटा रायपुर के नाम के खाते में आरटीजीएस किया गया था। वाहन को देवेन्दर पाल सिंह लूथरा द्वारा एक्सीस बैंक रायपुर से फायनेंस करवाया गया था। वाहन सौदे में किसी प्रकार का बकाया नहीं होने के बावजूद देवेन्द्र द्वारा फायनेंस की बकाया किश्त अदा नहीं की जा रही थी। जिसकी जानकारी फिरोज को एक्सिस बैंक का नोटिस मिलने पर हुई। बैंक द्वारा वाहन को फायनेंस की चार किश्त बकाया होने का हवाला देते हुए अपने कब्जें में ले लिया गया। इसकी जानकारी देवेन्द्र को दिए जाने पर उसने किश्त की बकाया राशि को बैंक में अदा करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी देवेन्द्र पाल लूथरा के खिलाफ दफा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है।