प्रेमिका के गर्भवती होने पर किया शादी से इंकार, आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत मिला 20 वर्ष का कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पत्नी बनाने का झांसा देकर नाबालिग का दैहिक शोषण कर गर्भवती होने पर इंकार किए जाने के मामले में अदालत ने आज फैसला सुनाया है। अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी प्रेमी को दोषी करार दिया और 20 वर्ष के कारावास तथा 2000 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। यह फैसला आज विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास ने मंगलवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

घटना वर्ष 2020 की है। शिवपारा निवासी गोविंद ढीमर उर्फ गोलू (22 वर्ष) के घर पीड़ित 17 वर्षीय किशोरी का आना जाना था। जनवरी माह में गोलू के भतीजे का आपरेशन होने के कारण किशोरी देर रात तक घर के काम में हाथ बटाने के कारण गोलू के घर रूकती थी। 10 जनवरी 2020 की रात लगभग 11 बजे गोलू ने शादी का झांसा देकर किशोरी के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद पत्नी होने का हवाला देकर प्रायः संबंध बनाने लगा। जिससे किशोरी गर्भवती हो गई। लगभग दो माह का गर्भ होने पर किशोरी ने इसकी जानकारी गोलू को दी। जिससे नाराज होकर आरोपी ने उससे मारपीट की और शादी करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। शिकायत के आधार पर दुर्ग कोतवाली पुलिस ने 30 अप्रैल को आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध जेल भेज दिया था।

विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के सयक्ष पेश किया गया। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक (पॉक्सो) कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात कोर्ट ने अभियुक्त गोविंद ढीमर उर्फ गोलू (22 वर्ष) को नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दोषी करार दिया और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया। प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।