रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर जारी घमासान के थमने के आसार नजर आ रहे हैं। प्रदेश सरकार के विभागों ने राजभवन की ओर से मांगी गई जानकारियां दे दी हैं। अब इस मसले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जल्द से जल्द राज्यपाल अनुसुइया उइके काे संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए।
रविवार को मुख्यमंत्री बघेल ने बात-चीत में कहा कि राजभवन से 10 बिंदुओं पर पूछे गए सवालों का सरकार ने जवाब भेज दिया है। उन्होंने कहा- संविधान में ऐसी व्यवस्था नहीं फिर भी जानकारी दे दी गई है, अब राज्यपाल को हस्ताक्षर करने में देरी नहीं करनी चाहिए।
गुरुवार को कांग्रेस के आदिवासी विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था। मुलाकात के दौरान विधायकों ने आरक्षण विधेयकों पर हस्ताक्षर करने की मांग की। जवाब में राज्यपाल अनुसुइया उइके ने 10 सवालों की सूची उन्हें भी पकड़ाकर कहा था कि, इनका जवाब सरकार से मिल जाए तो हस्ताक्षर कल हो जाएगा।
आदिवासी विकास और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अगुवाई में कांग्रेस के आदिवासी विधायकों का दल राजभवन पहुंचा था। इसमें अधिकतर विधायक सरगुजा संभाग और मध्य क्षेत्र के थे। बस्तर क्षेत्र से केवल शिशुपाल शोरी और सावित्री मंडावी ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे। यहां करीब एक घंटे तक उनकी राज्यपाल अनुसुइया उइके से बातचीत हुई।