नई दिल्ली। यूपी के अलीगढ़ में शुक्रवार को डाबर-सोमना के बीच ट्रेन में बैठे युवक के शरीर में उछल कर आया सब्बल धंस गया। इससे उसकी मौत हो गई थी। हादसे में रेलवे की लापरवाही सामने आ रही है। रेलवे ने मृतक के पिता को मात्र 15 हजार रुपए का मुआवजा देने का प्रयास किया। जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया और कहा, ‘मुझसे ही 50 हजार रुपए ले जाओ।’ वहीं शनिवार देर शाम रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया। यूपी सरकार की और से मृतक के परिजनों को राहत राशि दिए जाने की किसी प्रकार की घोषणा की जानकारी सामने नही आई है।
मृतक हरिकेश के पिता संतराम का कहना है, ‘रेलवे प्रशासन की लापरवाही के कारण मेरे बेटे की जान गई है। अब रेलवे मुझे 15 हजार रुपए का मुआवजा देकर मेरे बेटे की मौत का मजाक उड़ा रहा है।’ इस दौरान रेलवे के अधिकारी उन्हें समझाते रहे, लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी और बेटे का शव लेकर लौट गए। संतराम ने अपनी बहू और मृतक की पत्नी को नौकरी और मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मृतक हरिकेश के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। इन तीनों का गुजारा अब कैसे चलेगा?
मृतक के पिता संतराम ने पहले शव ले जाने से इनकार कर दिया और न्याय की मांग करने लगे। इसके बाद जीआरपी और आरपीएफ की फोर्स वहां पहुंच गई। इसके बाद उन्होंने मुआवजे की रकम लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अब सुल्तानपुर जाकर न्याय की मांग करेंगे।
संतराम का कहना है कि रेलवे की लापरवाही से उनके बेटे की जान गई है। वह सुल्तानपुर जाकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। जब तक बेटे और परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, प्रदर्शन जारी रहेगा। शाम तक यह सब चलता रहा, जिसके बाद पीड़ित परिवार शव लेकर लौट गया।
रेलवे ट्रैक 9 बजे से ब्लॉक लिया गया था। इसके बाद यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार नियंत्रित रहती। उनका रूट भी बदला जाता, लेकिन काम 8:35 बजे शुरू हो गया। इसी दौरान नीलांचल एक्सप्रेस यहां से गुजरी। इसकी स्पीड 110 किमी/घंटा थी।