दुर्ग (छत्तीसगढ़)। 40 वर्ष की महिला के साथ दरिंदगी के मामले में कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। मामले के दो आरोपियों को कोर्ट ने जिंदगी भर के कारावास से दंडित किया है। साथ ही दस-दस हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। अभियुक्तों ने महिला के साथ न सिर्फ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए बल्कि अपने कुकर्म को छुपाने के लिए उसे जिन्दा जला दिया था। फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) गणेश राम पटेल की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने पैरवी की थी।
हवस और इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस वारदात पुरानी भिलाई थाना अंतर्गत उरला में अंजाम दिया गया था। घटना 2 दिसंबर 2015 की है। महिला को दोनों आरोपी रायपुर में पार्टी में काम का झांसा देकर शाम 7 बजे दुर्ग से ले गए थे। रास्ते में महिला को उरला भाठा ले गए और सुनसान इलाके में महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास करने लगे। विरोध करने पर मारपीट की और जबरिया शारीरिक संबंध बनाए।
जिसके बाद महिला की हत्या करने की नियत उसे जिन्दा जला दिया। महिला को मृत समझकर आरोपी मौके से भाग गए, लेकिन महिला जिंदा बच गई। घटना के दूसरे दिन 3 दिसंबर 2015 की सवेरे पीड़िता किसी प्रकार उरला के सुभाष चौक पहुंची। जहां लोगों ने उसकी हालत देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर महिला को जिला अस्पताल में दाखिल कराया। जहां उपचार के दौरान उसकी 31 जनवरी 2016 को मौत हो गई।
एक आरोपी था महिला का दामाद
मौत से पहले महिला ने आरोपियों के संबंध में जानकारी दे दी थी। पीड़िता अपने मरणासन्न बयान में बताया था कि इस घृणित कार्य को अंजाम देने में उसके पडौसी और रिश्ते में दामाद इकबाल खान (32 वर्ष) की थी। भूमिका रही। पुलिस द्वारा इकबाल से पूछताछ किए जाने पर दूसरे आरोपी की पहचान उरला निवासी हंसराज साहू (42 वर्ष) के रुप में हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
अदालत ने मृत्युकालिक कथन को माना महत्वपूर्ण
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण के पश्चात न्यायाधीश ने मृतका के मृत्यु पूर्व दिए गए कथन को अहम माना। वहीं अदालत में महिला पति, पुत्री सहित नाते-रिश्तेदारों ने भी पीडिता द्वारा अपने साथ दरिंदगी करने वाले शख्स का नाम उन्हें बताने की पुष्टि की। जिसके आधार पर आरोपियों को जबरिया अनाचार और जिंदा जलाकर हत्या करने का दोषी करार दिया। हालांकि अदालत ने प्रकरण विरल से विरलतम नहीं माना लेकिन दोनों आरोपियों को कठोर दंड देने का फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपियों को दफा 376 (घ) के तहत अजीवन कारावास व दफा 302 के तहत पूरे नैसर्गिक जीवन काल के कारावास की सजा से दंडित किए जाने फैसला दिया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मामले के अभियुक्त गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरूद्ध है।