नंदा देशमुख ने जब सिरसाखुर्द प्रायमरी स्कूल में ज्वाइनिंग ली तब उन्होंने सपेरा बस्ती के कुछ बच्चों को भी पढ़ाई करते देखा। इनके बाल लट बन चुके थे, दांतों में कई दिनों से साफ-सफाई नहीं की गई थी। ये कभी-कभी स्कूल आते, जब स्कूल आते तो अन्य बच्चे इनसे अलग-थलग रहते। ऐसा क्यों है यह जानने के लिए डेढ़ किमी दूर इन सपेरों की बस्ती गई। अभिभावकों ने बताया कि शिक्षा का कुछ खास मायने नहीं है इनके लिए, इन्हें अपने पैतृक कार्य सांप के प्रदर्शन को ही आगे बढ़ाना है। नंदा ने पालकों को शिक्षा की महत्व बताते हुए कहा कि कम से कम आप इन्हें साक्षर बनने तक तो पढ़ने देवें।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नंदा मैडम जब बस्ती में पहुंचती है, तब बस्ती के सारे बच्चों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। उनके चेहरे चमक उठते हैं और चेहरे पर बरबस मुस्कान बिखर सी जाती है। मैडम के बस्ती में पहुंचते ही सारे बच्चे उन्हें घेर लेते हैं। बच्चे इतने घुल-मिल गए हैं कि मैडम से लिपट जाते हैं। नंदा मैडम बिना झिझक के अपने बच्चों सा दुलार देती है। उनका हाल चाल पूछती है। उन्हें अच्छी आदतें भी सिखाती हैं। उनका मात्र एक मकसद है कि बच्चों का भविष्य सुधरे और वे अन्य बच्चों की तरह अपना जीवन उज्ज्वल कर सके।
बच्चों के बाल धोये और फिर उन्हें काटा
नंदा मैडम ने नियुक्त होते ही खुद इन बच्चों के बाल शैंपू से धोये, फिर खुद इनके बाल काटे। इन्हें ब्रश और पेस्ट दिया। बच्चों के चेहरे चमक गए और उन्हें भी लगा कि वे अन्य बच्चों जैसे हैं। फिर सपेरा बस्ती में अन्य ड्राप आउट बच्चों के पालकों से संपर्क किया। सबने अपने बच्चों को स्कूल भेजना आरंभ कर दिया। फिर भी स्कूल का समय इन बच्चों को पूरी तरह मुख्यधारा में लाने के लिए पर्याप्त नहीं था। स्कूल का समय समाप्त होने के पश्चात मैडम खुद बस्ती गई और अब रोज एक घंटे की क्लास वहां लेती हैं।
90प्रतिशत बच्चों ने छोड़ दिया गुटखा
बहुत से बच्चे दुव्र्यसनों का शिकार हो गए थे। गुटखा तो सभी बच्चे खा रहे थे। मैडम एक दिन बस्ती में चार्ट लेकर गई। उन्होंने बताया कि देखो गुटखा खाने से ये बीमारियां होती हैं। बच्चे इससे डरे और अब लगभग 90 प्रतिशत बच्चों ने गुटखा छोड़ दिया है। एक बच्ची को तो गुटखे का इतना ज्यादा व्यसन हो गया कि उसका मुंह अच्छे से नहीं खुल पा रहा था। अब उसमें भी काफी सुधार आया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने किया सम्मान
नंद ने बताया कि उनके सीआरसी एवं बीईओ ने इस कार्य के लिए उनका हौसला बढ़ाया। उनके विशेष प्रयासों को देखते हुए उन्हें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर सम्मानित करने के लिए जिला प्रशासन ने चुना और विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत ने उनका सम्मान किया।
इस बस्ती में हैं नागों का पूरा कुनबा
इस बस्ती में हर परिवार के पास विलक्षण प्रजाति के नाग मौजूद हैं। सपेरों ने बताया कि उनके पास भाटा डोमी, गौटा, केंवटिया, करिया नाग आदि अनेक प्रजातियां हैं। वे इनका विषदंत निकाल देते हैं। कैसे विषदंत निकालते हैं ये पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पुरखे यही काम करते थे। उन्हें जड़ी-बूटियों का अच्छा ज्ञान है। किस जड़ी बूटी से विष कम किया जा सकता है यह उन्हें पता है।