प्रशासन की लापरवाही का शिकार मान्या पंचतत्व में मिली, अधिकारियों ने नहीं लिया सबक, थपथपा रहे अपनी पीठ

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रशासनिक लापरवाही का शिकार बनी 13 वर्ष की किशोरी मान्या देशलहरा का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया। मान्या कल देर शाम सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी। दुर्घटना का कारण सड़क पर पानी का जमाव होने से गड्ढे का नजर नहीं आना सामने आया। इस मौत के बाद भी निगम के अधिकारियों ने सबक नहीं लिया है। घटना के दूसरे दिन भी शहर में बरसात के पानी का भराव न हो इसके लिए प्रयास नहीं किए गए। नतीजतन आज भी शहर के कई इलाकों में बरसात ठहरने के एक दिन बाद भी जल भराव की स्थिति नजर आई। पानी निकासी के आभाव से जहां नागरिक हलाकान है वहीं प्रशासन अपनी पीठ थपथपाकर आत्ममुग्ध है।


बता दें कि मंगलवार को हुई लगातार बारिश से शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जल भराव के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। नागरिक हलाकान रहे और निगम प्रशासन से गुहार लगाते रहे। जिसका असर निगम के जिम्मेदारों पर नहीं हुआ और नागरिकों को घुटनों तक भरे गंदे पानी के बीच रहने और गुजरने मजबूर होना पड़ा।

नहीं काम आई कलेक्टर की नाईट गश्त
इसके विपरीत जिला प्रशासन से विकट परिस्थिति में अपनी पीठ थपथपाता रहा। बुधवार को खबर जारी कर दी गई कि लगातार बारिश को देखते हुए कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा रात लगभग दो बजे जल भराव का जायजा लेने ट्विन सिटी में निकले और दावा किया गया कि सभी जगह पर जल निकासी के लिए अमला मुस्तैद नजर आया। इसी के बाद दूसरे दिन शाम खबर आई कि सड़क पर से पानी निकासी नहीं होने से केलाबाडी निवासी किशोरी मान्या देशलहरा सड़क दुर्घटना का शिकार होकर अकाल मृत्यु का शिकार हो गई। जिस पर प्रशासन की ओर से तो कोई संवेदना जाहिर नहीं की गई, पर शहर विधायक अरुण वोरा ने हमेशा के तहत नाराजगी जाहिर कर अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। हालांकि विधायक की नाराजगी का इस बार भी जिला या निगम प्रशासन पर कोई असर नजर नहीं आया है। कलेक्टर के निर्देशों को भी अधिकारी हवा में उड़ा कर अपने ठर्रे पर चल रहे है, जनता त्राहिमाम कर रही है।