जल संकट ग्रस्त वार्डों में पहुंचे कलेक्टर, अधिकारियों को जलापूर्ति के समय फील्ड में रहने के दिए निर्देश

दुर्ग  (छत्तीसगढ़)। शहर में पेयजल व्यवस्था का निरीक्षण करने कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सुबह पानी खुलने के समय गया नगर, शंकर नगर और करहीडीह पहुंचे। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने देखा कि कुछ जगहों पर पानी व्यर्थ बह रहा था। इस पर कलेक्टर ने लोगों को समझाइश दी। खुले नलों में उन्होंने टोंटी लगाने के निर्देश भी दिये। इस दौरान सिर्फ एक-दो घरों में प्रेशर की दिक्कत की शिकायत मिलने का दावा प्रशासन की और से किया गया।

बता दें कि पिछले दिनों शहर के आधा दर्जन वार्डों में पर्यटन जलापूर्ति न होने मुद्दे को लेकर नागरिकों ने निगम कार्यालय का घेराव किया गया था। भाजपा पार्षदों के नेतृत्व में किए गए इस प्रदर्शन के दौरान शहर विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर उनका भी घेराव किया गया था। इस प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर स्थिति की वास्तविकता जानने निगम आयुक्त व अधिकारियों के साथ वार्डों में निकले।

निरीक्षण के दौरान जिन घरों में प्रेशर कम होने की शिकायत सामने आई वहां तकनीकी परीक्षण कर इसे दुरूस्त कराने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दोनों वक्त नल खुलने के समय मानिटरिंग के लिए मौजूद रहें। किसी घर में यदि नल कनेक्शन में जलापूर्ति में कुछ समस्या आ रही है अथवा प्रेशर की कमी है तो इसे तुरंत ठीक करने की कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि स्वच्छ और जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में पेयजल सभी घरों के लिए होना चाहिए। हर दिन इस उद्देश्य को लेकर मानिटरिंग करते रहें। सभी को पर्याप्त मात्रा में पानी मिले, इसके लिए सुनिश्चित करना होगा कि पानी का अपव्यय किसी घर में न हो, इस पर लगातार नजर रखें। आयुक्त ने पूरे शहर में जलापूर्ति की स्थिति के बारे में कलेक्टर को जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि पेयजल आपूर्ति के साथ ही पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति भी आवश्यक है। इसके लिए प्रेशर पर नजर रखनी जरूरी है। विशेषकर टेल एरिया में यह सुनिश्चित करें कि पानी की किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके लिए पर्याप्त मानिटरिंग करना जरूरी है साथ ही तकनीकी दिक्कतों को दूर करना भी जरूरी है।  निरीक्षण के दौरान वार्ड पार्षद लीना देवांगन और नरेंद्र बंजारे भी उपस्थित थे।
आयुक्त हरेश मंडावी ने बताया कि तीन साल पहले दुर्ग शहर में मई महीने में 61 टैंकर चलते थे, अब केवल छह टैंकरों की जरूरत होती है। दावा किया गया है कि कलेक्टर ने तीनों ही जगहों में लोगों से पानी के प्रेशर के बारे में भी पूछा। जिस पर वार्डवासियों ने बताया कि अच्छे प्रेशर से पानी आ रहा है।

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