इलाहाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला : कहा अजान इस्लाम का मौलिक अधिकार पर लाउडस्पीकर नहीं

नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लाउडस्पीकर से अजान की मांग पर अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल याचिका को खारिज करते हुए कहा कि लाउडस्पीकर से अजान देना मौलिक अधिकार नहीं है। याचिका में लाउडस्पीकर से अजान की मांग की गई थी। उत्तर प्रदेश के बदायूं के रहने वाले इरफान ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके मांग की थी कि नूरी मस्जिद से लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति दी जाए। इस याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि अजान इस्लाम का अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है। जस्टिस बीके विडला और जस्टिस विकास की डिवीजन बेंच ने याचिका खारिज की।
बता दें कि लाउडस्पीकर विवाद यूपी-महाराष्ट्र के साथ कई राज्यों में तूल पकड़ रहा है। यूपी में योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर मंदिरों और मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाए गए हैं। इसके अलावा कई धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की आवाज को कम किया गया है।

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर से होने वाली अज़ान को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बड़ा फैसला लिया है। फैसले के अनुसार अब सुबह की अज़ान बिना लाउडस्पीकर से दी जाएगी। मुंबई की मशहूर सुन्नी बड़ी मस्जिद मदनपुरा और मिनारा मस्जिद में सुबह की अज़ान की गई, जो कि बिना लाउडस्पीकर के हुई। बुधवार देर रात साउथ मुंबई के करीब 26 मस्जिदों के धर्मगुरुओं ने बैठक कर फैसला किया कि अब सुबह की अज़ान बिना लाउडस्पीकर से दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा।

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