दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग अवस्था में किशोरी से जबरिया शारीरिक संबंध बनाने के बाद पीडिता को परेशान करने और शादी में बाधा पहुंचाने वाले आरोपी युवक को अदालत ने पूरे प्राकृत जीवन तक के कारावास की सजा से दंडित किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी की अदालत में आज सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी। इस प्रकरण में अदालत ने पीडिता के पुनर्वास के लिए प्रतिकर राशि के रूप में 6 लाख 50 हजार रुपए प्रदान किए जाने का निर्देश भी दिया है।
मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है। पीड़ित किशोरी घटना के समय 16 वर्ष की 11 वीं की छात्रा थी। आरोपी अजय निषाद (24 वर्ष) छात्रा के घर के पास रहता है। अजय कई बार छात्रा के समक्ष प्यार का इजहार किया करता था। छात्रा के माता-पिता के काम पर जाने पर आरोपी उसके घर आ जाता था। इसी दरम्यान 18 नवंबर 2020 की दोपहर छात्रा के घर में अकेले होने पर आरोपी जबरिया उसके घर में घुस गया और शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद दो तीन बार 21 नवंबर 2020 थक धमकाकर शारीरिक संबंध बनाते रहा। । युवक की हरकत से परेशान होकर पीड़ित ने इसकी जानकारी 20 जनवरी 2021 को अपने परिजनों को दी। लोकलाज के भय से परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बजाए आरोपी को समझाइश दी। दो तीन दिन तक आरोपी शांत रहा, जिसके बाद फिर से छात्रा को परेशान करने लगा। इसकी जानकारी मिलने पर परिजनों ने छात्रा को उसकी नानी के घर भेज दिया। जिस पर युवक फोन पर आए दिन गाली-गलौज करने लगा। 15 फरवरी 2021 की रात आरोपी नानी के घर पहुंच गया और घर कि दरवाजा बाहर बंद कर दिया। दरवाजे को सवेरे पड़ौसियों को आवाज देकर खुलवाया गया। इस घटना की जानकारी माता-पिता को मिलने पर पुलगांव थाना में अजय निषाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी ने अभियुक अजय निषाद को दोषी करार दिया। अदालत ने माना कि आरोपी की मानसिकता अपराधिक प्रवृति की होने कारण उसे सजा में रियायत देना उचित नहीं है। अदालत ने आरोपी को दफख 450 के तहत 5 वर्ष कारावास व पॉस्को एक्ट की धारा 5(ठ)/6 के तहत पूरे प्राकृत जीवनकाल के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। अभियुक्त को 6 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है।