रायपुर (छत्तीसगढ़)। नक्सलियों को नोट फंडिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। नोटबंदी के दौरान नक्सलियों की रकम से खरीदी गई प्रापर्टी को कुर्क किए जाने का आदेश जोनल आफिस द्वारा जारी किया गया है। जिसके तहत 29.75 लाख रुपए की संपत्ति को जब्त किया जाएगा। इस संपत्ति का खुलासा नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में हुआ था। यह संपत्ति राजनांदगांव जिले में है। नक्सलियों को सहयोग देने के आरोप में अश्विनी वर्मा व उसके भाई तामेश गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के ईडी ने पड़ताल प्रारंभ की थी। जिसमें जानकारी सामने आई थी कि अश्विनी वर्मा ने नक्सलियों से नोटबंदी के समय नोट बदली के लिए रकम ली थी। इस रकम को किसानों को अनाज और कृषि उत्पादों की खरीदी के साथ विभिन्न व्यक्तियों को दी गई। खरीदी गई चीजों को बेचकर रकम से कृषि भूमि की खरीदी में निवेश किया था।
बता दें साल 2018 में खैरागढ़ पुलिस ने 5 मई को मारुटोला के अश्वनी वर्मा को नक्सलियों को सामान पहुंचाने के आरोप में पकड़ा था। इसके बाद पुलिस रिमांड में लेकर अश्वनी से लगातार पूछताछ कर रही थी। पुलिस ने बताया कि नक्सलियों ने नोटबंदी में अश्वनी को 1 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदलने के लिए दिए थेे। अश्वनी ने नक्सलियों से मिले पैसों से प्रॉपर्टी, सोने-चांदी के जेवरात और गाड़ियां खरीदी है। रिमांड में हुई पूछताछ के मुताबिक अश्वनी ने 30 लाख रुपए नक्सलियों को वापस करना कबूला। वहीं लगातार उन्हें दैनिक उपयोग की सामग्री उपलब्ध कराता रहा है। पुलिस ने अश्वनी के प्रॉपर्टी और गाड़ियों का कागजात भी जब्त किया है। अश्वनी नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के तौर पर काम कर रहा था।