मनाई गई तुलसी जयंती, मानस भवन में जुटे साहित्यकार, किया प्रतिमा का दुग्धाभिषेक

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला हिंदी साहित्य समिति दुर्ग के तत्वावधान में वीणापाणि साहित्य समिति दुर्ग और हल्क ए अदब दुर्ग के सहयोग से तुलसी जयंती का आयोजन किया। प्रातःकाल 9बजे मानस भवन दुर्ग के प्रांगण में तुलसीदास की प्रतिमा का दुग्धाभिषेक वर्तमान अध्यक्ष सरला शर्मा और उपस्थित जन द्वारा माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।

सरस्वती और गोस्वामी तुलसीदास के तैलचित्र पर माल्यार्पण के बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ । दुर्ग जिला हिंदी साहित्य समिति के पूर्व अध्यक्ष अरुण निगम द्वारा स्वागत भाषण संग प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया उन्होंने बताया कि 1927 में दुर्ग में हिन्दी साहित्य समिति की स्थापना हुई थी। 1955 से सक्रिय दुर्ग की चार साहित्यिक समितियों को संगठित कर “हिन्दी साहित्य समिति” का नाम “दुर्ग जिला हिंदी साहित्य समिति” किया गया था। बलदाऊ राम साहू ने विषय प्रवेश वक्तव्य में तुलसी साहित्य को लोकमंगलकारी साहित्य निरूपित किया। जगदीश देशमुख ने रामचरित मानस के आध्यात्मिक पक्ष और वर्तमान सन्दर्भ में उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। सीता राम साहू ‘श्याम ‘ ने तुलसीकृत राम के चरित्र के मानवीकरण पर प्रकाश डाला, मातृ शक्ति का स्तवन मधुर कंठ से करके श्रोता गण को मुग्ध कर दिया। त्रेता चंद्राकर ने तुलसी दास की वचन विदग्धता, सार्थक शब्द संयोजन की सोदाहरण व्याख्या की, ताड़ना शब्द का अर्थ दंडित करना नहीं विशेष लक्ष्य करना बताया। संचालन शाद बिलासपुरी का और धन्यवाद ज्ञापन विद्या गुप्ता का था।
कार्यक्रम के दौरान नई कार्यकारिणी का परिचय दिया गया। सरला शर्मा अध्यक्ष , बलराम साहू सचिव , प्रदीप वर्मा कोषाध्यक्ष, महिला अध्यक्ष विद्या गुप्ता, उपाध्यक्ष विजय गुप्ता, प्रचार प्रसार सचिव शिवाकांत तिवारी तथा कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों का स्वागत किया गया ।
द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका संचालन डॉ . नरेंद्र देवांगन ने किया। अध्यक्षता आलोक नारंग की थी। उपस्थित कवियों ने राष्ट्रभक्ति, प्रकृति वर्णन, भक्ति कविताओं का पाठ किया। रवि श्रीवास्तव, गुलबीर भाटिया, डॉ .निर्वाण तिवारी का आशीर्वाद नवगठित कार्यकारिणी को मिला। आयोजन में प्रदीप वर्मा, आलोक नारंग, शिवाकांत तिवारी आदि का सहयोग सराहनीय था।