दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देश पर दुर्ग निगम आयुक्त हरेश मंडावी द्वारा डेंगू व मलेरिया से निपटने अधिकारियों के साथ मंथन किया गया। डाटा सेंटर आयोजित बैठक में डेंगू, मलेरिया, फायलेेरिया, एवं पिलिया एवं अन्य महामारी के संबंध में लक्षण एवं बचाव के उपाय से संबंधित दिशानिर्देश दिये गये। बैठक में डेंगू, मलेरिया एवं फायलेेरिया के मच्छरों के अण्डा, लार्वा, प्यूपा एवं मच्छरों के नष्टीकरण हेतु विस्तृत जानकारी दी गई।
बैठक में बताया गया कि लार्वा, नष्टीकरण हेतु मोबील आईल, एवं डेंगू के लार्वा को नष्ट करने हेतु टेमीफास का प्रयोग करें। यह नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा घर-घर बाटी जा रही है। मच्छरों को मारने के लिए पूर्व में चिन्हाकिंत डेंगू प्रभावी क्षेत्रों में फागिंग का उपयोग किया जाये। कूलर को प्रति सप्ताह शनिवार/रविवार को डेंगू शुष्क दिवस के रूप में मनाया जाना सुनिश्चित किया गया। सर्वे टीम द्वारा घर-घर जाकर कूलर, पानी टंकी, पशु-पक्षी के पानी पीने का बर्तन, फ्रिज-ड्रे, फूलदान, गमले, नारियल का खोल एवं टूटे हुए बर्तन व टायर आदि में जमा पानी की जांच कर लार्वा नष्टीकरण हेतु टेमीफास दवाई का उपयोग करें। दुर्ग जिले को मलेरिया, फायलेरिया एवं डेंगू मुक्त बनाये जाने का संकल्प लिया गया। इस बैठक में आयुक्त मण्डावी द्वारा पानी के बर्तनो एवं टंकी को ढक कर रखने, फूल अस्तीन के कपडे़ पहन्ने एवं मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करने एवं लोगों को जागरूकता फैलाने को कहा गया। जिससे दुर्ग जिला मलेरिया व डेंगू मुक्त हो सके।
बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी दुर्ग सीबीएस बंजारे नगर निगम दुर्ग के स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला मलेरिया कार्यालय के समस्त कर्मचारी बैठक में उपस्थित थे। जिसमें राज्य के कीट विज्ञान शास्त्री एवं राज्य सलाहकार सुबोध शर्मा रायपुर से, रितीका सोनवानी जिला महामारी विशेषज्ञ एवं संजीव दुबे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक भी उपस्थित रहे।