दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आज विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में प्रकृति के प्रति लोगों में जागरूकता लाये जाने एवं पर्यावरण को सुरक्षा किये जाने संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं निर्देशन पर विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण का कार्य संपादित किया गया। पर्यावरण दिवस पर केन्द्रीय जेल दुर्ग, बाल सम्प्रेषण गृह पुलगांव-दुर्ग में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव राहूल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के द्वारा वृक्षारोपण का कार्य किया गया।
वृक्षारोपण के दौरान बाल सम्प्रेषण में निवासरत् अपचारी बालकों को पर्यावरण के प्रति सजग रहकर उसकी सुरक्षा किये जाने की शपथ दिलाई गई। वार्ड नंबर-56 बघेरा में पैरालीगल वाॅलिटियर के द्वारा आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के साथ वृक्षारोपण का कार्य किया गया तथा न्याय सदन गौरव पथ दुर्ग के स्थल पर पैरालीगल वाॅलिटियर के साथ सचिव के द्वारा वृक्षारोपण का कार्य संपन्न किया। वृक्षारोपण के कार्य के अतिरिक्त सचिव के द्वारा सेंट थामस कालेज के विद्यार्थियों के लिए पर्यावरण दिवस पर आयोजित सेमीनार कार्यक्रम (वर्चुवल) में विधिक जानकारी दी गई। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग ने बताया कि हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है। जिसका मकसद लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। भारतीय दंड संहिता की धारा 278 के अनुसार जो कोई किसी स्थान के वायुमण्डल को स्वेच्छया इस प्रकार दूषित करेगा कि वह जन साधारण के स्वास्थ्य के लिए जो पड़ोस में निवास या कारोबार करते हों या लोक मार्ग से आते-जाते हों अपायकर बन जाए वह जुर्माने से जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा दण्डित किया जाएगा।
भारतीय संविधान अनुच्छेद 48 ए राज्य सरकार को निर्देश देता है कि वह ‘पर्यावरण की सुरक्षा और उसमें सुधार सुनिश्चित करे तथा देश के वनों तथा वन्यजीवन की रक्षा करे’। अनुच्छेद 51 ए(जी) नागरिकों को कर्तव्य प्रदान करता है कि वे ‘प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करे तथा उसका संवर्धन करे और सभी जीवधारियों के प्रति दयालु रहे’। मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। मानव की अच्छी बूरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना जलवायु प्रदूषण रोकना स्वच्छता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। मानव की बूरी आदतें जैसे पानी दूषित करना बर्बाद करना वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बूरी तरह से प्रभावित करती है। जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है। वृक्षारोपण के कार्य में पैरालीगल वाॅलिटियर उमाकांत देवागंन, डुलेश्वर मटियारा, ज्ञानेश्वर ठाकुर, विनय, तथा उमा निर्मलकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रही।