नई दिल्ली। असम में बीजेपी का सहयोगी दल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गया है। असम में अगले महीने होने वाले चुनावों से पहले बीजेपी के सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने घोषणा की है कि वह सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़ रहा है और विपक्षी मोर्चे में शामिल हो रहा है। असम में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को यह बड़ा फायदा मिला है और बीजेपी को इससे झटका लगा है।
बीपीएफ के अध्यक्ष हागरामा मोहिलारी ने फेसबुक पर एक बयान में कहा है कि शांति, एकता और विकास के लिए काम करना और असम में भ्रष्टाचार से मुक्त एक स्थिर सरकार लाने के लिए बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने महाजथ के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है. बीपीएफ अब बीजेपी के साथ दोस्ती या गठबंधन नहीं बनाए रखेगा। आगामी असम असेंबली इलेक्शन में बीपीएफ महाजथ के साथ हाथ मिलाकर काम करेगा।
बीपीएफ ने पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की 126 सीटों में से 12 सीटें जीती थीं और बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गया था। लेकिन पिछले साल के अंत में बीजेपी ने बीपीएफ को धूल चटा दी और बहुमत हासिल करने व असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में स्वशासी निकाय, बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) पर काबिज होने के लिए एक नया साथी चुन लिया।
राज्य में सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में तीन मंत्रियों वाली बीपीएफ दिसंबर में बीटीसी चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जिसने 40 सदस्यीय निकाय में 17 सीटें जीतीं।