ज्वेलर का लूट की नियत से अपहरण कर की हत्या, शव को जलाया, दो युवकों को आजीवन कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। ज्वेलर का अपहरण कर लूट की वारदात के बाद हत्या करने और शव को जलाए जाने के मामले में अदालत द्वारा दो आरोपियों के खिलाफ फैसला दिया है। चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गरिमा शर्मा की अदालत ने विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों को कारावास से दंडि़त करते हुए हत्या के आरोप में उम्रकैद से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मनीष अखिलेश ने पैरवी की थी।
मामला नेवई पुलिस थाना में दर्ज 18 जनवरी 2019 को लापता हुए रिसाली निवासी हरिप्रसाद देवांगन की गुमशुदगी से संबंधित है। पिता की गुमशुदगी की रपट हरिप्रसाद के पुत्र आनंद देवांगन ने दर्ज कराई थी। आनंद ने पुलिस को बताया था कि उनके पिता की पाटन में कृष्णा ज्वेलर्स नाम से ज्वेलरी की दुकान है। शाम को प्राय: वे दुकान को बंद कर घर आ जाते है, लेकिन आज देर शाम तक वे घर नहीं लौटें है। पड़ताल में हरिप्रसाद की दुकान खुली हुई पाई गई और सायकल टंकी मरोदा के पास क्षतिग्रस्त अवस्था में बरामद की गई। जिसके बाद पुलिस ने इसे लूट के लिए अपहरण किए जाने का मामला मानते हुए पतासाजी प्रारंभ की थी। गुमशुदगी के लगभग 15 दिनों बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर ग्राम दैमार (पाटन) निवासी संजू वैष्णव (22 वर्ष) व आकाश कोसरे (18 वर्ष) सहित 2 नाबालिगों से पूछताछ की गई। जिसमें हरिप्रसाद का लूट की नियत से अपहरण कर उनकी हत्या कर दिए जाने का खुलासा हुआ। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने हरिप्रसाद को अपहरण करने के बाद उनकें पास रखें बैग की लूट लिया था। जिसमें सोने चांदी के साथ 30 हजार रु. नगद थे। हरिप्रसाद की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव तथा बैग को ग्राम कोरपा के एक खेत में रखें पैरावट में रखकर आग लगा दी थी। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर मौके से जला हुआ शव व अन्य सामान बरामद किया था। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ लूट, अपहरण, आपराधिक षडयंत्र रचने तथा साक्ष्य मिटाने के आरोपों के तहत कार्रवाई कर 6 फरवरी 2019 को जेल भेज दिया था।
प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश गरिमा शर्मा की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को सभी आरोपों में दोषी करार दिया। अभियुक्त आकाश कोसरे तथा संजू वैष्णव दोनों को दफा 302 के तहत उम्रकैद, 364 के तहत 7 वर्ष, 394 के तहत 7 वर्ष, 201 के तहत 5 वर्ष तथा 120 बी के तहत 5 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया गया है। इसके अलावा अभियुक्तों को कुल 2500 -2500 रुपए के अर्थदंड से भी दंडि़त किया गया है।

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