टूलकिट केस, दिशा रवि को मिली जमानत, कोर्ट ने कहा अधूरे सबूतों के आधार पर जमानत पर रोक लगाना उचित नहीं

नई दिल्ली। टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार क्लॉइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली है। दिशा की पुलिस ने 4 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी। इससे पहले सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को एक और दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस ने 5 दिन की पुलिस कस्टडी मांगी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जमानत पर सुनवाई के दौरान कहा, रिकॉर्ड में कम और अधूरे सबूतों को ध्यान में रखते हुए मुझे 22 वर्षीय लड़की जिसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, को जमानत के नियम को तोडऩे के लिए कोई भी ठोस कारण नहीं मिल रहा है। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन का निस्तारण कर दिया, जिसमें पुलिस ने दिशा रवि की कस्टडी को चार दिन और बढ़ाने की मांग की थी।
आज जमानत पर सुनवाई के दौरान दिशा रवि के वकील ने इस बात पर खासा जोर दिया कि दिशा का खालिस्तानी मूवमेंट से कोई लिंक नहीं है और उनपर देशद्रोह का मामला कायम नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध किया। पुलिस की ओर से कहा गया कि अगर दिशा रवि को जमानत मिलती है तो वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं। न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस के तर्क को अनुमान करार दिया।
बता दें कि टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बेंगलुरु से 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को 14 फरवरी को गिरफ्तार किया था। 21 साल की यह एक्टिविस्ट फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की फॉउंडरों में से एक हैं। दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को टूलकिट को लेकर केस दर्ज किया था। आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़ी टूलकिट को एडिट किया, उसमें कुछ चीजें जोड़ी और उसको आगे भेजा था। दिशा बेंगलुरु के प्रतिष्ठित वुमंस कॉलेज में शामिल माउंट कार्मेल की स्टूडेंट है।