दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष एवं जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने कहा है कि स्वयं सेवा संस्थाओं को नालसा की विभिन्न योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इस दिशा में काम करना है। उन्होंने योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक पीडि़त पक्ष को मिले इसके लिए स्वयं सेवा संस्थाओं को विशेष प्रयास करने की सलाह दी है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में बुधवार को स्वयं सेवी संस्थाओं (एनजीओ) के सदस्यों की आयोजित बैठक में जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने यह मशविरा दिया। उन्होंने कहा कि एनजीओ को प्राप्त होने वाली सूचनाओं से पीडित व्यक्ति को विधिक सेवा योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि नालसा की योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाना है। योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पीडि़त प्राप्त कर सके इसके लिए एनजीओ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का सहयोग कर सकता है। दुर्ग में नशा से संबंधित मामले प्राय: देखने में आ रही है लोग नशे के लत में आकर अपराध में सम्मिलित हो जाते है। नशे की सामग्री विक्रय करने वाले अपने लाभ को देखते हुए उन्हेें जीवन के अंधकार में भेज रहे है। एनजीओ नशा मुक्ति से संबंधित विषय पर जागरूकता अभियान चिन्हांकित स्थानों पर चलाकर कई युवाओं को नशे के जुडने से रोक सकता है। ऐसे स्थानों को चिन्हांकित करे जिसमें नशे का कारोबार व्यापक रूप से फैल रहा है ऐसे स्थानों की जानकारी इस प्राधिकरण को प्राप्त होने पर उनके विरूद्व पुलिस प्रशासन के सहयोग से कार्यवाही की जायेगी ।
बैठक में उन्होंने बताया कि सड़क में घूम रहे मानसिक रोगी को उचित चिकित्सा एवं विधिक सहायता पहुंचाने के लिए नालसा की योजना में प्रावधान है। इस प्रकार के मानसिक रोगी की जानकारी पुलिस प्रशासन को अथवा प्राधिकरण को दिये जाने पर चिन्हाकिंत मानसिक रोगियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही की जावेगी। वृद्धजनों की पारिवारिक समस्या, चिकित्सा समस्या एवं अन्य विधिक समस्यों को संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए हल किये जाने का प्रयास किया जाए। वृद्वजनों को नि:शुल्क अधिवक्ता उनके प्रकरणों के निराकरण के लिए उपलब्ध कराई जाएं। प्राधिकरण अध्यक्ष जिला सत्र न्यायाधीश श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष रूप से मुख बधिर संस्था के संचालक से छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा मुख बधिर व्यक्ति के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत् कानून के विषयों पर अन्य जिले के द्वारा बहुत से विडियो तैयार कर अपलोड किये गये है। जिनके माध्मय से मुख बधिर व्यक्ति कानून की जानकारी उन्ही की भाषा में समझ सकते है। वे इन विडियों के माध्मय से अपने अधिकारों को जान सकते है। इन विडियों का मुख बधिर व्यक्तियों पर अधिक से अधिक संख्या में प्रचार-प्रसार किये जाने पर जोर दिया गया।
कोविड-19 संक्रमण काल में घरेलू हिंसा से संबंधित मामले बढने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए एनजीओ विशेष अभियान चला कर जागरूकता का कार्य कर सकतें है। घरेलू हिंसा पारिवारिक रिश्तों से बंधा होता है जिन्हें सुलह के माध्यम से सुलझाया भी जा सकता है तथा घरेलू हिंसा करने वाले पारिवारिक सदस्य को कानून की जानकारी दी जा सकता है। घरेलू हिंसा की घटनाएं को रोकने के लिए अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है ग्रामीण परिवेश में घरेलू हिंसा कानून की जानकारी दिया जाना चाहिए। आज आयोजित बैठक में स्वैच्छिक संस्था प्रयास, स्नेह सम्पदा, ब्राईट शिक्षण एवं मानव कल्याण समिति, त्रिविधा विकास समिति, तुलसी लोक विकास, रेडक्रॉस सोसायटी, आस्था, कल्याणी सोशल वेलफेयर सोसायटी के प्रमुख शामिल थे।