जापान के प्रधानमंत्री का इस्‍तीफा, स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर है चिंतित

जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे की तबीयत पिछले कुछ हफ्तों में बिगड़ी है। दो बार अस्पताल में देखे जाने के बाद उनकी बीमारी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे। फिलहाल अभी तक उनके इस्तीफे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने शुक्रवार को घोषणा कि स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से अपने पद से इस्‍तीफा दे देंगे। उनके इस ऐलान से दुनिया कि तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में लीडरशिप को लेकर होड़ शुरू हो जाएगी। आबे ने आज एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, “मैंने प्रधानमंत्री के पद से हटने का फ़ैसला किया है,” पीएम ने बताया कि वे अल्सरेटिव कोलाइटिस की समस्‍या का सामना कर रहे हैं।आबे ने कहा कि अब उनका नए सिरे से इलाज़ चल रहा है जिसके नियमित रूप से निगरानी की ज़रूरत है, ऐसे में वे अपने कर्तव्‍यों के निर्वहन में पर्याप्‍त समय नहीं दे पाएंगे।

उन्‍होंने कहा, “अब ऐसे समय जब मैं विश्वास के साथ लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हूँ मैंने फ़ैसला किया है कि मुझे अब प्रधानमंत्री पद से हट जाना चाहिए.” सत्‍तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी जब तक उनके उत्‍तराधिकारी को नहीं चुनती, तब तक आबे पद पर बने रहेंगे। बताया जा रहा है कि शिन्जो आबे की तबीयत पिछले कुछ हफ्तों में बिगड़ी है। दो बार अस्पताल में देखे जाने के बाद उनकी बीमारी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे।

बता दें कि PM आबे ने इस महीने तीन दिन की छुट्टी ली थी। 17 अगस्त को वह अस्पताल गए थे। मेडिकल चेकअप्स के लिए वह अस्पताल में 7 घंटे से भी ज़्यादा वक़्त तक रहे थे। इसके एक हफ्ते बाद वह उसी अस्पताल में अन्य जांचों के लिए गए थे।एक हफ़्ते में दो बार अस्पताल जाने से ये सवाल उठने लगे कि क्या आबे की सेहत बिगड़ रही है। उन्होंने अस्पताल जाने की वज़ह नहीं बताई, लेकिन ख़बरों के मुताबिक़ एक बार तो वह आठ घंटे तक अस्पताल में रहे।उनकी सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के अधिकारियों ने पहले इस्तीफा देने की अटकलों को ख़ारिज किया था और कहा था कि प्रधानमंत्री की सेहत ठीक है।मंगलवार को उनके एक सहयोगी ने कहा था कि उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री आबे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। एलडीपी में टैक्स पैनल के प्रमुख अकीरा अमारी ने इस बात को ख़ारिज किया कि प्रधानमंत्री आम चुनाव कराने के लिए जल्द संसद के निचले सदन को भंग करेंगे। उन्होंने कहा, “फिलहाल चुनाव नहीं होगा।” कोरोना वायरस की महमारी से निपटने को लेकर पीएम आबे की आलोचना भी हो रही थी। इसके अलावा उनकी पार्टी के सदस्यों पर लगे स्कैंडल के आरोपों के कारण भी वह घेरे में थे।कोरोना वायरस की महामारी के कारण जापान की अर्थव्यवस्था कि हालत ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है। पीएम आबे ने वादा किया था कि वह अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएंगे।