चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपनी आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने इसे को दर्दनाक और दुखदायी निर्णय बताया है। उन्होंने कहा तमिलनाडु में 3 भाषा का फार्मूला लागू नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने नई शिक्षा नीति को अपने राज्य में लागू नहीं करने का ऐलान किया है। उन्होंने पीएम मोदी से इस पर दोबारा विचार करने की अपील की है साथ ही कहा है कि इसे राज्यों को अपनी नीतियों के अनुसार लागू करने की अनुमति दी जाए।
हालांकि नई शिक्षा नीति में तीन भाषा के फार्मूले के अनुसार यह राज्यों पर निर्भर करेगा कि भाषा क्या होगी, लेकिन तमिलनाडु में राजनीतिक दल इसे हिंदी को थोपने के केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयास के रूप में देख रहे हैं।
इससे पहले स्टालिन ने भी नई शिक्षा नीति पर सवाल उठाए थे। द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने आरोप लगाया कि अगर यह नीति लागू की गई तो एक दशक में शिक्षा सिर्फ कुछ लोगों तक सिमट कर रह जाएगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति बहुमुखी प्रतिभा का विकास सुनिश्चित करेगी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे पर सवाल उठाते हुए, सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक से भी इसका विरोध करने की अपील की है।