विवादित पर्यवेक्षक चोपड़ा पर ठगी का आरोप, महिला बाल विकास विभाग ने फिर से किया निलंबित

रायपुर (छत्तीसगढ़)। महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक दिव्या मिश्रा ने सुकमा जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना कोंटा 02 में पदस्थ पर्यवेक्षक मेवा चोपड़ा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। चोपड़ा के निलंबित की यह कार्रवाई उनके विरूद्ध महिला एवं बाल विकास विभाग ने पर्यवेक्षक पद पर नियुक्ति कराने के नाम पर कई बेरोजगारों से लाखों रूपए की ठगी करने तथा इस मामले में थाना सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में अपराध दर्ज होने के कारण की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, सुकमा रहेगा।
बता दें कि 28 जुलाई को मेवा चोपड़ा के विरूद्ध कई शिक्षित बेरोजगारों ने पर्यवेक्षक पद पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर उनसे लाखों रूपए की ठगी करने की लिखित शिकायत कर थाना सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में एफआईआर दर्ज कराई थी। चोपड़ा के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया है। उन्हें अपराध दर्ज होने के कारण निलंबित कर दिया गया है।
नहीं किया था स्थानांतरण आदेश का पालन
पर्यवेक्षक मेवा चोपड़ा का स्थानांतरण आज से 3 साल पहले जुलाई 2017 में एकीकृत बाल विकास परियोजना बलौदाबाजार से एकीकृत बाल विकास परियोजना कोंटा 02, जिला सुकमा किया गयाा था। चोपड़ा द्वारा शासन के स्थानांतरण आदेश का पालन न करने तथा कोंटा में कार्यभार ग्रहण न करने के कारण 26 फरवरी 2018 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था। 7 जून 2019 को निलंबन से बहाल करते हुए उनके विरूद्ध विभागीय जांच भी संस्थित की गई थी। उन्होंने आज पर्यन्त तक एकीकृत बाल विकास परियोजना कोंटा जिला सुकमा में अपनी ज्वाईनिंग नहीं दी है।

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