दुर्ग, 30 अप्रैल 2025। दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत बोराई में महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती भारती टंडन और उनकी टीम ने मिलेट्स (मोटे अनाज) से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि इसके साथ ही उनके उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ी है।
2018 में शुरुआत के बाद, श्रीमती टंडन ने अपने समूह के साथ मुरकु और पापड़ बनाने की शुरुआत की थी, जिससे उन्होंने 10,000 रुपये का लाभ कमाया था। धीरे-धीरे, उनके समूह ने मसाले और खाद के निर्माण में कदम रखा और इससे 60-70 हजार रुपये का मुनाफा हुआ। खाद निर्माण में उन्हें 2-3 लाख रुपये का फायदा हुआ और अब वे मिलेट्स से स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।

अभी हाल ही में, कृषि विज्ञान केंद्र अंजोरा से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, श्रीमती टंडन और उनके समूह ने मिलेट्स से रागी, बाजरे के लड्डू, सलोनी, खुर्मी, अनरसा, ठेठरी, कोदो की खिचड़ी, इडली और पकोड़े जैसे विभिन्न स्वादिष्ट पकवान बनाना शुरू किया। इस कदम से न केवल उनका आर्थिक विकास हुआ है, बल्कि उनके उत्पादों की मांग भी बढ़ी है।
स्टाल्स पर शानदार बिक्री
श्रीमती भारती टंडन ने हाल ही में जिला पंचायत परिसर में एक स्टाल लगाया, जहां उन्होंने अपने द्वारा बनाए गए व्यंजन बेचे। इसके बाद, आईआईटी भिलाई में भी उनका स्टाल लगा, जहां 66,000 रुपये का विक्रय हुआ और 30,000 रुपये की शुद्ध आय प्राप्त हुई। अब, श्रीमती टंडन और उनका समूह मिलेट्स और अन्य कार्यों से 3-4 लाख रुपये का लाभ कमा रहे हैं और वे आज “लखपति दीदी” के रूप में मशहूर हो गई हैं।
स्वास्थ्य और पोषण का महत्व
मिलेट्स को पोषक तत्वों से भरपूर और ग्लूटन-फ्री होने के कारण बहुत महत्व दिया जा रहा है, और इन्हें “श्रीअन्न” के नाम से भी जाना जाता है। श्रीमती टंडन और उनके समूह की महिलाएं अपनी आत्मनिर्भरता को बढ़ा रही हैं और दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन रही हैं।
