रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य में शिक्षकों और छात्रों के असंतुलन को देखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। जिन स्कूलों में छात्र संख्या राष्ट्रीय मानक से कम है, उन्हें नजदीकी स्कूलों में मर्ज (युक्तियुक्तकरण) किया जाएगा। इस प्रक्रिया की शुरुआत 7 मई से स्कूलों और 15 मई से शिक्षकों के स्तर पर की जाएगी।
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 5,484 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक या दो शिक्षक ही पदस्थ हैं, वहीं 297 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है। इन स्कूलों में फिलहाल पास के अन्य स्कूलों से शिक्षक अटैच किए गए हैं। दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों में 7305 शिक्षक आवश्यकता से अधिक हैं, जबकि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है।

इस असंतुलन को संतुलित करने के लिए ही शिक्षा विभाग यह युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया लागू कर रहा है। विभाग का मानना है कि इस निर्णय से शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर होगी और संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित हो सकेगा। विभाग के सचिव ने इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमें कार्य योजना और शेड्यूल भी तय कर दिए गए हैं।
शिक्षकों की चिंता भी बढ़ी
हालांकि इस निर्णय से कई शिक्षकों में चिंता की लहर है। शहरों में पदस्थ कुछ शिक्षकों को डर है कि उनकी पोस्टिंग अब दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में की जा सकती है। विभाग ने इस बारे में अभी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं कि पोस्टिंग का आधार क्या होगा।
जनवरी में हुई थी शुरुआत
इस प्रक्रिया की शुरुआत जनवरी माह में हुई थी, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में बोर्ड परीक्षा के बाद युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। अब बोर्ड परीक्षाएं समाप्त होने के साथ ही विभाग ने औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
