रायपुर, 6 अप्रैल 2025। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार हो रही मुठभेड़ों के बीच CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के ग्राउंड कमांडरों ने छत्तीसगढ़ में एक समर्पित ‘फील्ड फायरिंग रेंज’ की स्थापना की मांग की है। इसके लिए उन्होंने शीर्ष अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से इसकी अनुमति के लिए औपचारिक प्रस्ताव भेजें।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में हुई एक बैठक में निर्णय लिया गया है कि छत्तीसगढ़ में ही एक अभ्यास केंद्र के रूप में फायरिंग रेंज की स्थापना की संभावनाओं की तलाश की जाएगी। अभी तक इस सुविधा की अनुपलब्धता के कारण CRPF के जवानों को फायरिंग अभ्यास के लिए पड़ोसी राज्यों का रुख करना पड़ता है।

🔴 नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक मोर्चा
यह मांग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा देश से ‘रेड टेरर’ को पूरी तरह समाप्त करने के लिए तय की गई डेडलाइन के परिप्रेक्ष्य में की गई है। CRPF मुख्यालय को प्रस्ताव भेजने के लिए ग्राउंड कमांडरों से ड्राफ्ट तैयार करने को कहा गया है।
फिलहाल, छत्तीसगढ़ पुलिस की अपनी फील्ड फायरिंग रेंज कांकेर में मौजूद है, जिसे साझा रूप से इस्तेमाल करने के लिए ग्राउंड कमांडरों को राज्य पुलिस से समन्वय के निर्देश दिए गए हैं।
🧠 आधुनिकरण और अनुसंधान की दिशा में कदम
इसके साथ ही CRPF ऑपरेशनल इलाकों में गतिविधियों के विश्लेषण हेतु एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) यूनिट की स्थापना की योजना पर भी काम कर रहा है। साथ ही, भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक आधुनिकीकरण योजना भी प्रस्तावित की जा रही है, जिस पर बल के ट्रेनिंग विंग को कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
📊 नक्सल घटनाओं में भारी गिरावट
MHA द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में बस्तर रेंज में सुरक्षा बलों ने अब तक 101 नक्सलियों का सामना किया, जिनमें से 50 प्रतिशत मुठभेड़ें मार्च के 10 दिनों में हुईं।
वामपंथी उग्रवाद (LWE) की घटनाओं में 2010 से 2024 के बीच 81% की कमी आई है – जो 2010 में 1,936 से घटकर 2024 में 374 रह गई हैं।
इसी अवधि में नागरिकों और सुरक्षाबलों की कुल मौतों की संख्या में 85% की गिरावट आई है – 2010 में 1,005 से घटकर 2024 में 150 हो गई हैं।
