नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को पूनम गुप्ता को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नई डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। वह नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की महानिदेशक भी हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गुप्ता को तीन साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया है। वह एमडी पात्रा की जगह लेंगी, जिनका कार्यकाल जनवरी में समाप्त हुआ था।
पूनम गुप्ता का प्रोफेशनल सफर
पूनम गुप्ता एक अनुभवी अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, अमेरिका से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री और पीएचडी की है, साथ ही दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी मास्टर डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड और आईएसआई दिल्ली में पढ़ाया है।

गुप्ता वर्तमान में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य हैं और 16वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद की संयोजक भी हैं। वह नीति आयोग की विकास सलाहकार समिति और फिक्की की कार्यकारी समिति की सदस्य हैं। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान “मैकroeconomics और ट्रेड” पर बनी टास्क फोर्स की अध्यक्षता भी की थी।
दुनिया भर में काम करने का अनुभव
पूनम गुप्ता ने लगभग दो दशकों तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक में वरिष्ठ पदों पर काम किया है। उन्होंने आर्थिक विकास, केंद्रीय बैंकिंग, सार्वजनिक ऋण और राज्य की वित्तीय स्थिरता जैसे विषयों पर काम किया है। 2021 में वह NCAER की महानिदेशक बनीं, जो भारत की सबसे बड़ी आर्थिक नीति थिंक टैंक है।
गुप्ता को 1998 में अपने अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर किए गए शोध के लिए EXIM बैंक पुरस्कार भी मिला था। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव को देखते हुए उन्हें आरबीआई में डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है।
आरबीआई में अन्य डिप्टी गवर्नर
पूनम गुप्ता के अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक में तीन और डिप्टी गवर्नर हैं – एम. राजेश्वर राव, टी. रबी शंकर और स्वामीनाथन जे।
सरकार के इस फैसले से आरबीआई में आर्थिक नीतियों और बैंकिंग प्रणाली के संचालन में नए आयाम जुड़ने की उम्मीद है।
