सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित स्वास्थ्य केंद्र चिंतागुफा ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाकर इतिहास रच दिया है। यह स्वास्थ्य केंद्र, जिसे कभी संसाधनों और नक्सल आतंक के कारण संघर्ष करना पड़ा, अब उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा के लिए जाना जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित
28 नवंबर 2024 को चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वॉस) प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। इसे 89.69% का उत्कृष्ट स्कोर प्राप्त हुआ, जो इसे सुकमा जिले में पहले और पूरे राज्य में चर्चित बनाता है।
क्षेत्र की चुनौतियां और संघर्ष
चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र पांच उप-स्वास्थ्य केंद्रों को कवर करता है, जिसमें 45 घोर नक्सल प्रभावित गांव शामिल हैं। यह वही क्षेत्र है जहां ताड़मेटला घटना और बुरकापाल जैसी माओवादी हमलों की घटनाएं हुईं। सड़क, नेटवर्क और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बावजूद, यहां के स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवा भावना और कड़ी मेहनत से नामुमकिन को मुमकिन बनाया।
प्रारंभिक दौर की कठिनाइयां
वर्ष 2009 में इसकी शुरुआत मात्र एक आरएमए और एक वार्ड बॉय के साथ हुई थी। नक्सलियों के डर और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना चुनौतीपूर्ण था। 2011 में एक एंबुलेंस हमले के दौरान, आरएमए मुकेश बख्शी और उनके साथ मौजूद बच्चों पर नक्सलियों ने हमला किया। उनके सेवाभाव और दृढ़ता ने न केवल क्षेत्र के लोगों का दिल जीता बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की नींव मजबूत की।
सफलता की कहानी
2020 में भवन और आवासीय सुविधाओं के निर्माण के बाद सेवाओं का विस्तार हुआ। नवंबर 2024 में भारत सरकार की एनक्वॉस टीम ने स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया, जहां ओपीडी, आईपीडी, लैब, और लेबर रूम जैसे सभी विभागों ने उच्च मानक प्राप्त किए।
उल्लेखनीय उपलब्धियां
आज यह स्वास्थ्य केंद्र औसतन हर महीने 20 संस्थागत प्रसव, 1000 से अधिक ओपीडी मरीज, और 100 से अधिक भर्ती मरीजों की सेवा करता है। यह केवल एक स्वास्थ्य केंद्र की सफलता नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की सेवा भावना और संघर्ष की कहानी है।
समर्पित टीम
डॉ. अनिल पटेल, महेंद्र काको, सीमा किसपोट्टा, रीना कुमारी, पार्वती कुहरम, अनिता सोढ़ी सहित पूरी टीम ने इस सफलता को संभव बनाया।
चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र न केवल सुकमा जिले बल्कि पूरे देश में एक मिसाल बन चुका है। यह घोर प्रभावित क्षेत्रों के लिए प्रेरणा है कि सेवा भावना और टीमवर्क से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।