रायपुर। छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर राज्योत्सव कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लेने की अपील की। राज्यपाल ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों और सार्वजनिक संपत्तियों की रक्षा करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री साय ने राज्य की सांस्कृतिक विरासत और विकास के महत्व पर जोर देते हुए छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उन्नति की ताकत बताया।
अपने संबोधन में राज्यपाल डेका ने कहा, “छत्तीसगढ़ ने 24 वर्षों में एक मजबूत आधार बना लिया है, जो विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में है।” उन्होंने मुख्यमंत्री साय की जनकल्याणकारी योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जनजातियों, महिलाओं और युवाओं के कल्याण के लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के लोगों के विकास के प्रति समर्पण को सलाम करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की पहल से बने इस राज्य ने पिछले 24 वर्षों में अकाल, पलायन और चुनौतियों का सामना किया है और अब विकास के मार्ग पर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति को सहेजने के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि राज्य में लोक कला, शिल्प ग्राम, खादी, तीज-त्योहार, देव स्थलों का संरक्षण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार छत्तीसगढ़ का विकसित राज्य बनाने के लिए संस्कृति को प्राथमिकता देते हुए एक विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है। उन्होंने भगवान श्रीराम से जुड़े तीर्थ स्थलों और माता शबरी व माता कौशल्या के धाम के विकास का उल्लेख किया। इसके अलावा, उन्होंने राजिम, सिरपुर, मधेश्वर, भोरमदेव जैसे ऐतिहासिक स्थलों के विकास को प्राथमिकता देने का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यटन, और संस्कृति का संरक्षण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। “यह राज्य हमने बनाया है, संवारा है, और आगे भी इसे हम ही संवारेंगे,” उन्होंने जोर देते हुए कहा।