जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। बीजापुर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व (आईटीआर) क्षेत्र में बाघ की हत्या के मामले में पकड़े गए मुख्य शिकारी ने पूछताछ में कई राज उगले हैं। जिस बाघ की खाल पकड़ी गई है, उसके लिए सीआरपीएफ के एक अफसर ने 13 लाख रुपये में सौदा किया था। खाल की डिलीवरी से पहले उसने बतौर एडवांस 7.50 लाख रुपये दिए भी थे। हालांकि डिलीवरी होने से पहले मामले का खुलासा हो गया। वहीं आईटीआर की टीम ने छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर दफनाई गई बाघ की हड्डियां और मारने के लिए इस्तेमाल हुआ फंदा बरामद किया है। इस मामले में 12 आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक हो चुकी है।
बाघ की खाल खरीदने के मामले में सीआरपीएफ अफसर का नाम सामने आने बाद हड़कंप मच गया हैं। इससे पहले इस मामले में दो पुलिस वालों का नाम भी सामने आ चुका है। दोनों पुलिसकर्मियों ने बाद में सरेंडर कर दिया था। बताया जा रहा है कि बाघ की खाल खरीदने का सौदा बीजापुर में तैनात एक सीआरपीएफ अफसर ने किया था। इस मामले में जिस अफसर का नाम सामने आ रहा है, उनके फिलहाल दिल्ली में होने की बात कही जा रही है। ऐसे में वन विभाग की ओर से सीआरपीएफ के उच्च पदस्थ अफसरों को पूरी जानकारी दी गई है और संबंधित अफसर को बीजापुर बुलाने के लिए कहा गया है।
वन विभाग की पूछताछ में सोमवार को पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि, बाघ भोपालपटनम के कोंडामौसम गांव के नदी किनारे लगाए गए फंदे में फंसा था। यह क्षेत्र टाइगर रिजर्व एरिया में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र बार्डर पर पड़ता है। फंदे को मुख्य शिकारी तुलसीराम दुब्बा ने जंगली जानवरों को पकड़ने लगाया था। फंदे में बाघ की गर्दन फंसने से उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद तुलसीराम के साथ देपला, काण्डला, भट्टिगुडा और गणेश, रमेश सुबैय्या से श्रवण झाड़ी व टिंगे ने खाल की डील की। फिलहाल अभी सीआरपीएफ अफसर, श्रवण, सीताराम, समैया, महेंद्र और संतोष अभी भी पकड़ से बाहर हैं।
मुख्य शिकारी तुलसीराम के निशादेही पर आईटीआर की टीम कोंडामौसम गांव पहुंची। टीम के पहुंचते ही गांव के लोग नदी के पार भाग गए। इसके बाद तुलसी की निशानदेही पर जमीन में दबाकर छिपाई गई बाघ के चारों पैरों की हड्डियां, सिर की हड्डी और जिस फंदे में फंस कर बाघ की मौत हुई उसे बरामद कर लिया गया हैं। विभाग बरामद की गई हड्डियों को फॉरेंसिक टेस्ट के लिए जबलपुर स्थित लैब भेजने की तैयारी कर रहा है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने बताया कि सीआरपीएफ के आला अधिकारियों से संपर्क कर जवान की जानकारी मंगाई गई है।
बीजापुर में वन विभाग की टीम ने शुक्रवार देर रात भोपालपटनम क्षेत्र के मद्देड बफर जोन इलाके के रुद्रारम में छापा मारकर सात तस्करों को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए आरोपियों के पास से बाघ की खाल बरामद हुई थी। इसी मामले में सोमवार को दो पुलिसकर्मियों सहित पांच और आरोपी पकड़े गए थे। पकड़े गए आरोपियों ने तब पांच महीने से खाल बेचने के लिए घूमने की बात बताई थी। जिस बाघ को मारा गया उसकी उम्र करीब ढाई साल बताई गई। यह कार्रवाई उदंती सीतानदी अभ्यारण्य की पोचिंग टीम, इंद्रावती टाइगर रिजर्व और वन मंडल बीजापुर क टीम ने संयुक्त रूप से की है।