जनता को शासकीय योजनाओं का लाभ मिलने के साथ उनकी समस्या का हो त्वरित समाधान : गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि शासन और प्रशासन का कार्य नागरिकों को अपना सेवा प्रदान करना होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि जनसमस्या निवारण शिविर में आए हुए आवेदनों को अधिकारी गंभीरता से लें और उनका शीघ्र निराकरण करे ताकि नागरिकों के अंदर हमारे प्रति विश्वास कायम रहे। उन्होंने कहा कई बार ऐसी स्थिति निर्मित होती है कि आवेदक को अपनी समस्या के बारे में तो पता होता है परंतु उसके लिए कैसे और किस विभाग को आवेदन किया जाए इसकी जानकारी नहीं होती ऐसी स्थिति में सरकारी अमले के लिए आवश्यक है कि वह आवेदक को गाइड भी करे ताकि आवेदक की समस्या का निदान हो सके।

शासन व प्रशासन का लगातार संपर्क जनता के साथ ही बना रहे और उनकी समस्याओं का निराकरण लगातार होता रहे, इसके लिए आज विकासखंड दुर्ग में ग्राम पंचायत अंजोरा (ख), अंडा व पुरई में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया था। तीनों ग्राम पंचायतों में कुल 378 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें 322 निराकृत हुए और 56 लंबित हैं। शिविर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सबसे ज्यादा 294 प्रकरण, राजस्व विभाग के 59 प्रकरण नागरिकों ने निराकरण हेतु आवेदन किया। शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि एक बड़े जनसमुदाय को शिविर का लाभ मिल सके, इसलिए शिविर का आयोजन तीन ग्राम पंचायतों में क्लस्टर बना कर किया गया है। इन शिविर को आयोजित करने का उद्देश्य जनता को उनके समस्या से शीघ्र निदान दिलाना और अधिकारियों के साथ उनका सीधा संपर्क स्थापित करना है। इस अवसर पर मंत्री स्वयं विभागों द्वारा बनाए गए स्टांलों पर गए और आवेदन की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पाया कि ग्रामीण राजस्व, बिजली और बुनियादी समस्याओं को लेकर शिविर में पहुंचे थे। उन्होंने अधिकारियों को इन समस्याओं को प्राथमिकता के साथ निराकरण करने के लिए निर्देशित किया और अधिकारियों से जनता के प्रति अपने व्यवहार को नरम रखने की सलाह भी दी। उन्होंने क। कहा आम नागरिकों के समस्याओं के निदान के लिए शासन द्वारा आने वाले समय में भी ऐसे शिविरों का आयोजन सतत् किया जाएगा।
प्रदूषण से निजात पाने के आया आवेदन
ग्राम पंचायत रसमड़ा जो कि औद्योगिक क्षेत्र में आता है वहां के ग्रामवासियों के द्वारा प्रदूषण की समस्या को लेकर शिविर में आवेदन लगाया गया था। ग्रामवासियों का कहना था कि रसमड़ा में लगे फैक्ट्रियों से आसपास के वातावरण पर दुषप्रभाव पड़ रहा है जो कि उनके सामान्य जीवन में भी प्रभाव डाल रहा है इसलिए वह चाहते हैं कि शासन और प्रशासन इस संबंध में उचित कार्यवाही करें। कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लेकर पर्यावरण विभाग को तथ्यों की जानकारी एकत्रित करने और विधिपूर्ण कार्यवाई  करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।